एनसीएल और आईआईटी बीएचयू के बीच जल्द होगा MoU पर हस्ताक्षर

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केंद्रीय कोयला एवं खनन विभाग के राज्य मंत्री सतीश चन्द्र दुबे ने शनिवार को कहा कि भविष्य में जल्द ही नॉर्थन कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) एवं सिविल इंजीनियरिंग के बीच MoU होने की संभावना है. उन्होंने बीएचयू आईआईटी विभाग के प्रौद्योगिकी क्षमता का एनसीएल में सहायता लेने की भी इच्छा व्यक्त की. केंद्रीय मंत्री वाराणसी में बीएचयू आईआईटी के निदेशक प्रोफ़ेसर अमित पात्रा एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफ़ेसरों से मिलने के बाद उक्त बातें कहीं.

उन्होंने अपने संबोधन में एनसीएल परिवार राष्ट्र के ऊर्जा आत्मनिर्भरता में उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला. साथ ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की राष्ट्रीय संकल्पना की सिद्धि में सहयोग के लिए पूर्णतः प्रतिबद्धता के बारे में भी जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने वंचित व उपेक्षित समुदाय का विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, दिव्यांग कल्याण, लैंगिक समानता, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास व स्वच्छता के लिए सीएसआर के बारे में भी बताया. जानकारी दी कि एनसीएल के सीएसआर का अर्थ है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्थानीय युवाओं का संवरता भविष्य, हुनर को रोजगार, दिव्यांग कल्याण, वृद्धा सम्मान, नन्हें बच्चों को फुलवारी, हर घर बिजली हो.

एनसीएल ने दस सालों में 6 लाख लोगों को पहुंचाया लाभ

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि विगत 10 वर्षों में एनसीएल ने ₹876.58 करोड़ खर्च कर पांच से छह लाख लोगों को सीधे लाभ पहुंचाया है. इसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में सोनभद्र के डिबुलगंज में 50 बेड अस्पताल का विकास, दिव्यांग पुनर्वास केंद्र सिंगरौली को गोद लेना, कोविड 19 की रोकथाम के लिए एम्स भोपाल और मध्य प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों को ऑक्सीजन प्लांट्स की सौगात एवं दोनों राज्यों को कोविड 19 से महामारी नियंत्रण हेतु ₹25 करोड़ की सहायता व वंचित वर्ग के लोगों की जानलेवा बीमारियों का नि:शुल्क उपचार के साथ लगातार नि: शुल्क मेडिकल कैम्पस का आयोजन स्वस्थ स्थानीय समाज के प्रति एनसीएल की संवेदना को दर्शाता है.

शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि

केंद्रीय मंत्री के अनुसार एनसीएल पोषित विद्यालयों के अतिरिक्त मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में 200 आंगनवाड़ियों का मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकास किया. साथ ही दिव्यांग जनों के लिए सिंगरौली में सुसज्जित स्कूल और छात्रावास का निर्माण कराया. सिंगरौली में ही इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग टेक्नोलॉजी के भावी विकास में सहयोग शिक्षित समाज के निर्माण के प्रति एनसीएल की संकल्प को रेखांकित करता है.

750 आदिवासी महिलाएं बनीं आत्म निर्भर

एनसीएल की महत्वाकांक्षी पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट आदिवासी और महिला कल्याण के क्षेत्र में हमारा सशक्त हस्ताक्षर है जिससे 750 आदिवासी महिलाएं आत्म निर्भर बन रही हैं .

सिंगरौली में बही विकास की गंगा

ग्रामीण विकास के क्रम में चितरंगी में 10 हजार से अधिक घरों का विद्युतीकरण किया गया है. सिंगरौली व सोनभद्र में 300 किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण के साथ स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया. इसके तहत सिंगरौली में पिछले 10 वर्षों में 10 हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण, सिंगरौली और सोनभद्र में 2260 हैंडपंप, 44 आरओ प्लांट्स, 43 तालाब , 15 चेक डैम और सोनभद्र में 80 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सोलर पैनल की स्थापना आस पास के परिवेश में सकारात्मक बदलाव के हमारे प्रयासों का अनुकरणीय उदाहरण है .

एनसीएल के सकारात्मक प्रयासों की बानगी

एनसीएल द्वारा सीएसआर में तहत जयंत में मुडवानी ईको पार्क का निर्माण, मुकुंदपुर में सफेद टाइगर रिजर्व और जू के लिए आधारभूत संरचना विकास सोन नदी पर ईको जोन्स का निर्माण, सिंगरौली में गोपद और मयार नदी के जलग्रहण क्षेत्र की साफ-सफाई एवम् विकास हरित सीएसआर के प्रति एनसीएल के सकारात्मक प्रयासों की एक बानगी है.

खिलाड़ियों के सपनों को लगा पंख

खेल प्रोत्साहन के क्रम में जयंत में स्पोर्ट्स अकादमी का विकास, वनवासी खेल महोत्सव, और विभिन्न खेल कूद शिविरों का आयोजन किया गया. चपकी में तीरंदाजी अकादमी की स्थापना यह दर्शाता है कि एनसीएल केवल सपनों को पूरा करने के अवसर ही नही देता बल्कि साथ मिलकर उन सपनों को जीता है.

मडुवाडीह (बनारस) स्टेशन में ग्रीन एरिया

वाराणसी में 25 करोड़ की लागत से 100 बेड का वृद्धाश्रम, 20 सामुदायिक भवन, मडुवाडीह (बनारस)स्टेशन मे ग्रीन एरिया का निर्माण कराया जा रहा है . परंपरागत एवं अध्यात्मिकता के संवर्धन व विस्तार के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में डिजिटल मीडिया औडियो गाइड, किओस्क, डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण के लिए एनसीएल ने सहयोग किया है. कैंसर की जांच के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल में 15 करोड़ की लागत से कई उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही वाराणसी के 13 शहरी ग्राम पंचायतों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 2 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान किया गया है .

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इनकी रही विशेष उपस्थिति

प्रोफेसर अमित पात्रा – निर्देशक आईआईटी बीएचयू
अनिल सिंह – पूर्व जिला जज
मनीष कुमार सिंह – राष्ट्रिय सचिव, अपना दल
आलोक सिंह, कैलाश नाथ मिश्रा, गगन सिंह – अधिवक्ता

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