गुजरात-अमेरिका के बीच साइन हुआ MoU, जानिए कंपनी माइक्रोन ने क्यों चुना गुजरात का साणंद
इस साल जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी दौरे की शुरूआत की है, उसके बाद से भारत के लिए विदेशी कंपनियों ने व्यापार के लिए सभी द्वार खोल दिए हैं। इस साल भारत में कई बड़ी विदेशी कंपनियों ने इन्वेस्टमेंट के लिए बड़े पैकेज का एलान किया है। इस बीच अमेरिका ने व्यापार के लिए गुजरात का चयन किया है। अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात सरकार के साथ MoU साइन किया है।
माइक्रोन ने साइन किया MoU
आज, 28 जुलाई को गुजरात सरकार और अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के बीच ऐतिहासिक MoU हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में इस MoU पर गुजरात सरकार के आईटी सचिव विजय नेहरा और माइक्रोन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट गुरुशरण सिंह ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। इस दौरान कार्यक्रम में पीएम मोदी भी उपस्थित रहें। पीएम मोदी ने इसे गुजरात के लिए बड़ी कामयाबी बताया है।
कंपनी बनाएगी सेमीकंडक्टर असेंबली
अमेरिका की कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की दुनिया की टॉप कंपनियों में आती है। इस कंपनी ने प्लांट लगाने के लिए गुजरात का साणंद को चुना है। साणंद में माइक्रोन कंपनी 2.75 अरब डॉलर यानी 22,516 करोड़ रुपये का प्लांट स्थापित करेगी। वहीं, साणंद में सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्ट, मार्किंग और पैकेजिंग-ATMP सुविधाओं के जरिए प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 20 हजार रोजगार पैदा होगा।
कंपनी साणंद में लगाएगी प्लांट
भारत को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित 10 अरब डॉलर के सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। कंपनी यह प्लांट राज्य के साणंद में लगाने की सोच रही है। कंपनी ने साणांद को इसलिए चुना है क्योंकि यहां सेमीकंडक्टर के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। इससे गुजरात के मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती मिलेगी।
गुजरात में है अनुकूल वातावरण
अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन ने अपनी इस मैन्युफैक्चरिंग सुविधा को शुरू करने के लिए गुजरात के साणंद का चयन किया है। कंपनी ने बताया है कि गुजरात में मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग-व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण है। राज्य सरकार के श्रेष्ठ सहयोग के साथ-साथ टैलेंट पूल की उपलब्धता जैसे महत्वपूर्ण कारक भी साणंद में मौजूद हैं। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर सेक्टर के उद्योगों को गुजरात में आकर्षित करने के उद्देश्य से एक डेडिकेटेड इन्स्टीट्यूट ‘गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक मिशन’ (GSEM) की स्थापना भी की है।
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