लखनऊ में मस्जिदों से UCC का विरोध, बाहर लगें बारकोड से मांगी जा रही राय
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद ने गुरुवार को सभी मुसलमानों से UCC का विरोध करने की अपील की थी। जिसके बाद आज जुमे की नमाज के पहले आज लखनऊ की मस्जिदों में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बताया गया। इसके बाद मौलानाओं ने मुस्लिमों से यूसीसी का विरोध करने का एलान किया।
मस्जिदों से UCC का विरोध
बता दें, मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य है। खालिद रशीद लखनऊ में स्थित इमाम ईदगाह ऐशबाग ईदगाह के मौलवी भी है। आज उन्होंने लखनऊ में जुमे की नमाज़ से पहले UCC को लेकर बयान दिया। मौलाना ने कहा की इस मुल्क में हर मजहब के लोग रहते हैं और UCC आने के बाद उनके अधिकारों का हनन होगा। इसलिए इसका लागू होना देश के लिए अच्छा नहीं है। इसके साथ ही मौलाना खालिद रशीद ने मुस्लिमों से नमाज के बाद UCC ना लागू होने की दुआ पढ़ने को कहा।
AIMPLB ने लगाया मस्जिद के बाहर बारकोड
मौलाना ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से यूसीसी के खिलाफ उनकी राय भी मांगी है। इसके लिए मस्जिद ऐशबाग ईदगाह के कैंपस में AIMPLB की तरफ से यूसीसी को लेकर बारकोड को भी जारी किया गया है। मस्जिद के बाहर लगे इस बारकोड के ज़रिए लोगों से उनकी राय मांगी जा रही है। लोगों से अपील की जा रही है कि यूसीसी को लेकर उनकी राय लॉ कमीशन में अंकित करें।
मौलाना बोले- गैरमुस्लिम भी हैं UCC के खिलाफ
यूसीसी पर बिल लाने की बात करते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि देश के सभी मुसलमानों को बड़ी तादाद में इसका जवाब देना चाहिए। क्योंकि अगर UCC लागू होता है तो मुस्लिम पर्सनल कानून पर अमल करने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुस्लिम ही इसके खिलाफ हैं बल्कि बड़ी तादाद में कई अन्य लोग भी इसके खिलाफ हैं।
मौलाना खालिद रशीद ने फिर की अपील
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि देश में यूसीसी की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि यह सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि देश के अन्य कई नागरिकों के हितों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने सभी मस्जिद के इमामों से जुमा की नमाज से पहले होने वाले खुत्बे में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में मुसलमानों को बताने की गुजारिश की है। साथ ही उन्होंने यह भी अपील करते हुए कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ अपनी–अपनी राय ईमेल या डाक के मध्यम से लॉ कमीशन ऑफ इंडिया को भेजें। मौलान ने तकरीर करते हुए कहा की ये कानून मुस्लिम समाज और कई अल्पसंख्यक समाज पर निगेटिव असर डालेगा और वह इसका विरोध एक भारतीय होने के नाते कर रहे हैं।
मुस्लिम UCC के खिलाफ दे रहें राय
इस संबंध में सुफियान निजामी ने बताया की इस बारकोड को स्कैन करके लोग अपना सुझाव जीमेल के ज़रिए लॉ कमीशन तक पहुंचा सकते हैं। इस बारकोड के लगने के बाद से ही मुस्लिम लोग भी यूसीसी के विरोध में अपना सहयोग देते दिख रहे हैं। बीते 5 से 6 दिन के अंदर आठ-साढ़े आठ लोगों ने यूसीसी को लेकर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा दी है।
वासित अली ने कहा- पहले यूसीसी को समझो
वहीं अब इसपर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा कुंवर वासित अली ने मौलाना द्वारा यूसीसी के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काने का आरोप लगाया गया। वासित अली का कहना है की मौलाना फ़िरंगी महली ने जुमे की नमाज़ के बाद जो विरोध दर्ज करने की बात कही है, उसको लेकर पहले लोगों को यूसीसी को समझना चाहिये। आगे उन्होंने कहा कि उसमें क्या तब्दीली चाहते है, उसको लेकर कमेटी के सामने अपनी बात रखिये। वासित अली ने यूसीसी का महत्व समझाते हुए कहा कि यूसीसी के तहत महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इस कानून को अमृत काल में लोगों की भलाई के लिये उठाया गया एक कदम है।
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