सिपाहियों का होगा कोतवाल जैसा रुतबा, मिला ये अधिकार
उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों से हर कोई परेशान है। आये-दिन किसी की चेन छीन जाती है तो कहीं किसी का मर्डर हो जाता है। इसी के चलते जिले की लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी पुलिस ने क्राइम कंट्रोल करने के लिए अनोखी पहल (initiative) की शुरुआत की है। इस पहल के अंतर्गत अब अगर कहीं क्राइम होता है तो इसका जिम्मेदार सिर्फ दारोगा ही नहीं बल्कि सिपाही को भी माना जाएगा। ऐसा इसीलिए भी किया गया है ताकि सिपाही मुस्तैदी से गश्त करें।
जारी होगी एक बीट पुस्तिका
अब से हर सिपाही को एक बीट पुस्तिका भरनी होगी। इस पुस्तिका में उस इलाके के अपराध और अपराधियों का पूरा लेखा-जोखा होगा। सिपाही को दी गई पुस्तिका में उसका नाम, बीट कोड, गांव के नाम और हल्का प्रभारी का नाम दर्ज किया जाएगा।
छह भाग की है बीट पुस्तिका
इसके साथ ही इस बीट पुस्तिका के पहले भाग में सिपाही के पास सभी बैंक, पेट्रोल पंप, अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल कॉलेज, बस स्टैंड, बिजली और डाकघर आदि के नंबर दर्ज होंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे भटकना ना पड़े।
गांव के प्रमुख लोगों का दर्ज होगा पुस्तिका में नाम
इस पुस्तिका के दुसरे भाग में यह भी दर्ज किया जायेगा कि बीट में आने वाले गाँवों के अंतर्गत प्रमुख व्यक्ति कौन-कौन है। गांव के प्रधान, चौकीदार, लेखपाल कोटेदार का नाम और मोबाइल नंबर इसमें दर्ज किया जाएगा।
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पुस्तिका के तीसरे भाग में आस पास में चल रहे विवादों की जानकारी दर्ज की जाएगी। गांव में जमीन का विवाद, नाली, खड़ंजा, सहन मंदिर के विवादों आदि का ब्योरा भी पुस्तिका में दर्ज होगा, ताकि सिपाही को अपने इलाके की सभी जानकारियां रहे।
इसके साथ ही चौथे भाग में इलाके के अपराधियों का विवरण दर्ज होगा। इसी पुस्तिका में उन इलाकों को चिन्हित किया जाएगा, जहां जुआ खेला जाता है। जहां अवैध असलहा,सेक्स रैकेट जैसे कोई काम चलते हैं। इसी भाग में चोरी और लूट की संपत्ति खरीदने वालों का विवरण दर्ज होगा।
पांचवे भाग में अपराध और एफआईआर का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा, जिससे सिपाही को अपने इलाके में होने वाले अपराधों की जानकारी रहे।
आखिरी और छठवें भाग में सिपाही के इलाके के सभी अपराधियों का पूरा विवरण होगा। उसमें गुंडा अधिनियम के तहत विरुद्ध किए गए अपराध रजिस्टर गैंग के सदस्यों का विवरण दर्ज होगा।