मोदी का ब्रूनेई दौरा, भारत के लिए क्यों है खास…
ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया पीएम मोदी से मुलाकात
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PMMODI ) आज से तीन दिवसीय ब्रूनेई ( BRUNEI ) और सिंगापुर ( SINGAPUR ) की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी की ब्रूनेई यात्रा भारत के लिए खास इसलिए है क्यों कि यह पहला मौका है जब भारत का कोई प्रधानमंत्री ब्रूनेई की यात्रा कर रहा है. इस मौके पर ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ( SULTAN HAJI HASNAL BOLKIA ) पीएम मोदी से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. पीएम के लिए यह यात्रा बहुत ही खास है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों के बीच रिश्तों का जश्न बनाया जाएगा.
जानें कैसे हैं भारत और ब्रूनेई के रिश्ते…
गौरतलब है कि भारत और ब्रूनेई के रिश्ते काफी मजबूत और बेहतर हैं. यही कारण है कि ब्रूनेई भारत के साथ अपने रिश्ते के 40 साल पूरे होने के अवसर पर उत्सव मना रहा है. इसी दौरान दोनों देशों के राजनेताओं के बीच मुलाकात होगी जिससे दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके.
कौन है सुल्तान हसन अल बोल्किया ?…
सुल्तान हसन अल बोल्किया सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय और राजा इस्तेरी पेंगिरन अनक दामित के सबसे बड़े बेटे हैं. अपने पिता के बाद ब्रुनेई के सिंहासन पर बैठने वाले वह 29वें सुल्तान हैं. सुल्तान को दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में स्थान दिया गया है. इतना ही नहीं वह दुनिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले वर्तमान सम्राट हैं और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष हैं.
सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद जा सकते हैं पीएम मोदी
कहा जा रहा है कि ब्रूनेई यात्रा के दौरान पीएम मोदी सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी जा सकते हैं. इस दौरान वह प्रवासी भारतियों से भी मुलाकात कर सकते हैं. जानकारी मिल रही है कि मस्जिद में पीएम मोदी से मिलने के लिए वहां के प्रवासी भारतीय काफी खुश हैं. यह भी कहा जा रहा है कि आपसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मस्जिद की यात्रा कर सकते हैं.
1958 में हुआ था मस्जिद का निर्माण…
बताया जा रहा है कि इस मस्जिद का निर्माण 1958 में कराया गया था. इसके निर्माण में बेहतरीन सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया था. इसमें शंघई ग्रेनाइट और इतालवी संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है. साथ ही इस मस्जिद में इंग्लैंड से रंगीन कांच और क्रिस्टल झूमर मंगाए गए थे. सऊदी अरब से सोने की पत्ती से ढका गुबंद और बढ़िया कालीन लगाए गए हैं.
इससे पहले कई देशों की मस्जिद का पीएम ने किया दौरा…
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी मस्जिद सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन का दौरा करेंगे. इससे पहले मोदी दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के विभिन्न देशों जैसे मिस्र, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात में भी मस्जिदों का दौरा किया है. अब मोदी इस सूची में ब्रूनेई की मस्जिद को शामिल करने वाले हैं.
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मोदी का ब्रुनेई दौरा क्यों है खास ?…
पीएम मोदी का यह दौरा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा होगा. पीएम मोदी इस दौरे के दौरान ब्रुनेई के ओमर अली सैफ़ुद्दीन मस्जिद का भी दौरा करेंगे. यह मस्जिद देश की सबसे पुरानी और बड़ी मस्जिद है.
पीएम मोदी जब किसी देश का दौरा करते हैं तो वो वहां रह रहे भारतीयों से जरूर मुलाकात करते हैं. ब्रुनेई में करीब 14000 भारतीय रहते हैं.
ब्रुनेई में भारतीय डॉक्टरों और शिक्षकों की काफी बड़ी तादाद है. साथ ही भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में भी ब्रुनेई का खास रोल है. दरअसल, ब्रुनेई में भारत का एक अंतरिक्ष निगरानी केंद्र है.
ब्रुनेई स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय उपग्रहों और उसकी लॉन्चिंग पर निगरानी रखी जाती है. साथ ही भारत और ब्रुनेई के बीच काफी अहम रक्षा संबंध भी है.
दोनों देशों की नेवी और कॉस्टगार्ड नियमित संयुक्त अभ्यास करते हैं. आसियान और इंडो-पेसिफ़िक में ब्रुनेई भारत का अहम पार्टनर है.