शाह के बयान पर महबूबा का पलटवार
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के साथ भेदभाव किए जाने के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोप बिल्कुल निराधार हैं। पूर्व सीएम ने जोर देकर कहा कि घाटी पर ध्यान देना जरूरी था और अगर भेदभाव था तो पहले केंद्र या राज्य के समक्ष इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार के हर फैसले में बीजेपी का समर्थन था।
अमित शाह ने लगाया था भेदभाव का आरोप
आपको बता दें कि शनिवार को जम्मू में रैली के दौरान अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती पर सरकार के तीन वर्षों के दौरान जम्मू और लद्दाख संभाग के जिलों से भेदभाव करने का आरोप लगाया था। साथ ही शाह ने राज्य के लोगों से किए वादे को पूरा नहीं करने को लेकर भी पीडीपी को घेरा था।
रविवार को अमित शाह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। मुफ्ती ने लिखा, ‘हमारे पूर्व सहयोगियों ने हम पर गलत आरोप लगाए हैं। हमने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बनाए गए अजेंडा ऑफ अलायंस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कभी भी टूटने नहीं दिया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बाद भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए हम पर ऐसे आरोप लगाए।’
‘हुर्रियत से बातचीत पर बीजेपी का समर्थन था’
महबूबा ने एक ट्वीट में बीजेपी पर हमला बोलते हुए साफ कहा, ‘आर्टिकल 370 पर यथास्थिति, पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत अजेंडा ऑफ अलायंस का हिस्सा था। वार्ता को बढ़ावा देने, पत्थरबाजों के खिलाफ केस वापसी और एकतरफा सीजफायर भरोसा बहाल करने के उपायों के तौर पर काफी जरूरी थी। इस पर बीजेपी ने पूरी तरह से समर्थन किया था।’
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‘घाटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी’
भेदभाव के आरोपों के जवाब में एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने लिखा, ‘जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोप बिल्कुल निराधार हैं। यह जरूर है कि काफी लंबे समय से घाटी के हालात बनते-बिगड़ते रहे और 2014 की बाढ़ के बाद स्थितियां और खराब हुईं। इसके मद्देनजर यहां के विकास के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत थी लेकिन इन सब के बावजूद ऐसा बिल्कुल नहीं है कि किसी अन्य स्थान के विकास को लेकर कोई भेदभाव किया गया हो।’
‘अपने मंत्रियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा करे बीजेपी’
अपनी ही कैबिनेट के मंत्री रहे बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधते हुए महबूबा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘सभी के देखने के लिए जमीन पर परिणाम मौजूद हैं। अगर देखना हो तो उन्हें अपने उन मंत्रियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा करनी चाहिए, जिन्होंने बड़े स्तर पर जम्मू संभाग का नेतृत्व किया लेकिन अगर भेदभाव जैसी ऐसी चीजें थीं, तो उनमें से किसी ने केंद्र या राज्य के सामने इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की।’
बीजेपी नेता लाल सिंह के बहाने पूछे सवाल
महबूबा ने एक अन्य ट्वीट में अपनी सरकार के दौरान वन मंत्री रहे बीजेपी नेता लाल सिंह पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘शुजात बुखारी के हत्याकांड के बाद बीजेपी के एक विधायक ने घाटी में पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आजादी के विषय पर धमकी दी है। ऐसे में अब बीजेपी अपने नेता पर क्या कार्रवाई करने जा रही है।’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने से पहले यहां की सीएम रहीं महबूबा मुफ्ती ने पिछले दिनों बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।