2019 लोकसभा चुनाव : मायावती के इस फैसले से खुलेगी गठबंधन की गांठ?
आगामी 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। यही वजह है कि पार्टी ने सभी सीटों पर लोकसभा प्रभारी बनाकर कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया है । इनमें वे सीटें भी शामिल हैं, जिन पर पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी (एसपी) या कांग्रेस दूसरे नंबर पर थीं।
महागठबंधन में शामिल होगी कांग्रेस
बीएसपी सूत्रों का कहना है कि प्रभारी इसलिए बनाए गए हैं, ताकि कार्यकर्ताओं में जोश बना रहे और संगठन का काम धीमा ना पड़े। हालांकि, इसे गठबंधन होने पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावेदारी की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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जानकारी के मुताबिक बीएसपी और सपा ने 2019 के लिए गठबंधन का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि सीटों के बंटवारे में लोकसभा चुनाव 2014 का प्रदर्शन मुख्य आधार बनेगा। महागठबंधन में कांग्रेस के भी शामिल होने की चर्चा है, लेकिन अभी किसी भी दल की ओर से स्पष्ट नहीं कहा गया है। इस बीच बीएसपी ने लगभग सभी सीटों पर प्रभारी बना दिए हैं।
सामान्य तौर पर यह परंपरा रही है कि बीएसपी में जो प्रभारी होते हैं, वे अगले चुनाव के लिए उस लोकसभा सीट के प्रत्याशी होते हैं। हालांकि, ऐन वक्त पर बदलाव भी कर दिए जाते हैं।
हालांकि, इस बार पार्टी नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ताओं में जोश बना रहे और संगठन का काम बूथ स्तर तक मजबूत हो, इसके लिए प्रभारी बनाए गए हैं। कोई जरूरी नहीं हैं कि यही प्रत्याशी होंगे। गठबंधन की स्थिति में पार्टी सुप्रीमो मायावती के स्तर से निर्णय लिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर लाज बचाने की जुगत
लोकसभा चुनाव में गठबंधन के जरिए बीएसपी की निगाह बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के साथ राष्ट्रीय पार्टी का अपना दर्जा बचाने पर भी है। यही वजह है कि मायावती यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी लगातार गठबंधन कर रही हैं। यूपी में पार्टी एसपी के सहारे लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटें बढ़ाने की कोशिश में है, वहीं दूसरे राज्यों में वोट प्रतिशत बढ़ाने की जुगत लगाई जा रही है।
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