प्रमोशन में आरक्षण : मायावती ने किया ‘सु्प्रीम’ का स्वागत

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बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण के फैसले का स्वागत किया है।  उन्होंने कहा कि यह फैसला कुछ हद तक स्वागत योग्य है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत कोई पाबंदी नहीं लगाई है। मायावती ने कहा, ‘शीर्ष अदालत ने साफ कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें अगर चाहें तो वे आरक्षण दे सकती हैं।’

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर नागराज मामले में 2006 के फैसले को सात जजों की संविधान पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया।

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नागराज प्रकरण में 2006 के फैसले में अनुसूचित जातियों (एससी) एवं अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए शर्तें तय की गई थीं।

SC ने कहा कि 2006 के फैसले को सात सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही संविधान पीठ ने केंद्र सरकार का यह अनुरोध भी ठुकरा दिया कि एससी/एसटी को आरक्षण दिए जाने में उनकी कुल आबादी पर विचार किया जाए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से यह फैसला सुनाया।

आंकड़ा इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है…

पीठ ने यह भी कहा कि एससी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारों को एससी-एसटी के पिछड़ेपन पर उनकी संख्या बताने वाला आंकड़ा इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थे।

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