मऊ: पत्रकारों को भारी पड़ा सच, आज भीख मांगने पर हुए मजबूर…
मऊ: मीडिया को बिकाऊ मीडिया कहने वाले समाज के मुंह पर तमाचा मारने वाला एक मामला उत्तर प्रदेश के मऊ से सामने आया है, जहां पत्रकारों को सच और न्याय की बात करने का हर्जाना भीख मांग कर चुकाना पड़ रहा है. यह भले ही अविश्वसनीय हो लेकिन यह सत्य है. दरअसल, मऊ के सरकारी विद्यालय में नियुक्त एक शिक्षिका के विद्यालय न जाने का भंड़ाफोड़ करने वाले पत्रकारों को अब न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. हालात यह तक पहुंच गए है कि आर्थिक रूप से कमजोर और निर्भीक पत्रकारिता करने वाले पत्रकार अब भीख मांगने पर मजबूर हो गए हैं.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, मऊ के परदहा ब्लाक के रणवीरपुर में कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका रागिनी मिश्रा पर स्कूल न जाने आरोप लगा है. पत्रकारों ने इस बात का दावा किया है कि, उनके पास इस बात के कई सारे सबूत हैं कि रागिनी मिश्रा बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय नहीं जाती हैं और थोक के भाव में अपना अटेंडेश भर देती हैं. इतना ही नहीं रागिनी के खिलाफ खबर बनाने वाले पत्रकारों ने स्कूल में पहुंचकर बच्चों से भी बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने बताया है कि मैम पढाने नहीं आती हैं.
एक औरत की करतूत का भंडाफोड़ करना पड़ा महंगा। आधा दर्जन पत्रकार मुकदमा लड़ने के लिए भीख मांगने को मजबूर! बिना गए स्कूल गए सेलरी उठाने वाली शिक्षिका रागिनी मिश्रा ने आधा दर्जन पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुकदमा लिखा दिया। स्कूल न जाने वाली शिक्षिका का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकारों को अब… pic.twitter.com/icnfTkfI6Y
— Yashwant Singh (@yashbhadas) December 17, 2024
रागिनी ने पत्रकारों पर कराई एफआईआर
इस तरह का पर्दाफाश करने वाले पत्रकारों के खिलाफ अध्यापिका रागिनी ने एफआईआर दर्ज करवाई है. साथ ही इन पत्रकारों पर आरोप लगाया है कि सभी पत्रकार उनसे रंगदारी मांग कर रहे थे. रंगदारी न मिलने पर पत्रकारों ने उनके खिलाफ झूठी खबर प्रसारित की है. वहीं इस एफआईआर को लेकर पत्रकारों का कहना है कि, रागिनी द्वारा लगाए गए आरोप सरासर गलत है और उन्हें सच दिखाने की कीमत एफआईआर से चुकानी पड़ रही है.
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पीडित पत्रकार ने कही ये बात
पीडित पत्रकार अभिषेक सिंह ने कहा है कि, ”रागिनी मिश्रा एक शिक्षिका होने के साथ-साथ एक वाचिका और काफी ताकतवर हैं. वे लोग आर्थिक रूप से इतना मजबूत हैं कि, हम उनका मुकाबला करने में अक्षम है. इसलिए हमें न्याय पाने के लिए लोगों की आर्थिक मदद की जरूरत पड़ रही है. साथ ही हम जनता के बीच जा रहे हैं और शिक्षा विभाग में फैल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं.”
वहीं दूसरे पीडित पत्रकार संजय यादव का कहना है कि, ”हमारा हौसला नहीं टूटने वाला है, चाहे हमारे ऊपर कितनी भी FIR दर्ज कर दी जाए. हम लोग सच्ची पत्रकारिता करते रहेंगे और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ जारी रखेंगे.”