शहीद के शव से लिपट बेटा बोला, पापा… मैं भी आर्मी मैन बनूंगा

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आठ साल का मासूम अपने शहीद पिता बीएसएफ जवान के शव से लिपटकर बोला पापा मै भी आपकी तरह सेना में जाऊंगा और देश की सेवा करुगां ये नजारा जिसने भी देखा वो खुद की आंखों के आंसू को रोक न सका। दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अजनहर गांव बीएसएफ जवान अवधेश कुमार सिंह का गांव है। शहीद के शव को तिरंगे में लपेट कर उनके पैतृक गांव अजनहर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए आस पास के गांव के लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा और सभी ने नम आंखों के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी।

मौजूद तमाम लोगों की आंखों भी नम हो गईं

शहीद के अंतिम संस्कार से पहले सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से अवधेश को अंतिम विदाई दी। इस दौरान शहीद जवान के सम्मान में बीएसएफ के जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर सलामी दी।वहीं, शहीद के आठ साल के मासूम बेटे निखिल (8) ने पिता के शव से लिपट कर उनसे वादा करते हुए कहा कि वह खुद भी देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होगा। बुधवार सुबह 8 साल के बच्चे की इस हिम्मत को देखकर वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखों भी नम हो गईं।

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लोगों ने ‘अवधेश अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, अवधेश तुम्हारा नाम रहेगा’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच उसे अंतिम विदाई दी। अजनहर गांव निवासी अवधेश कुमार सिंह बीएसएफ में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। वर्तमान में उनकी ड्यूटी कश्मीर के एयरपोर्ट पर थी। अपनी ड्यूटी के दौरान ही अवधेश की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी कर अवधेश का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर मंगलवार देर रात जिले के अजनहर गांव में लाया गया।

पुश्तैनी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार किया गया

दस दिन पहले ही छुट्टी से वापस लौटे अवधेश का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी सुमन जहां बेसुध हो गई, वहीं पिता प्रेम सिंह को यकीन नहीं हो रहा था महज 10 दिन पहले उनसे मिलकर ड्यूटी पर जाने वाला पुत्र इस तरह वापस लौटा है। यह हृदय विदारक दृश्य देख सभी की आंखें नम हो गईं। इसके बाद बीएसएफ के जवानों और ग्रामीणों की मौजूदगी में अवधेश की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसके बाद उनके गांव की एक पुश्तैनी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार में अवधेश के बड़े भाई लोकेश सिंह ने कांपते हाथों से उसे मुखाग्नि दी। वहीं, बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी की शहादत पर उन्हें सलामी देते हुए अपनी अंतिम विदाई दी। अवधेश के अंतिम संस्कार के दौरान गांव के लोगों और बीएसएफ जवानों के साथ जिले के तमाम जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

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