पत्रकारों की गिरफ्तारी का नक्सलियों ने किया विरोध
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सलियों ने पर्चों के माध्यम से पत्रकारों के प्रति अपना प्रेम जाहिर किया है। अबुझमाड़ के जंगलों में पर्चे फेंककर नक्सलियों ने एक ओर जहां पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की मांग की है, वहीं दूसरी ओर पत्रकार नेमीचंद जैन व सांई रेड्डी की हत्या मामले में खुद की गलती स्वीकार करते हुए आत्मग्लानि करने की बात भी लिखी है।
मीडियाकर्मियों की रिहाई की मांग
नक्सलियों द्वारा माओवादी संगठन के नाम से जारी इस पर्चे में पत्रकारों का जिक्र करते हुए लिखा है कि पिछले दिनों अलग-अलग मामलों में बस्तर संभाग के गिरफ्तार किए गए पत्रकारों सोमारू नाग, संतोष यादव, प्रभात सिंह आदि को रिहा किया जाए। निर्दोष ग्रामीणों को नक्सलियों का सहयोगी बताकर दमनराज चलाया जा रहा है।
‘एडिटर्स गिल्ड’ की प्रशंसा
पिछले दिनों बस्तर के पत्रकारों की गिरफ्तारी की अखिल भारतीय स्तर के पत्रकार संगठन ‘एडिटर्स गिल्ड’ द्वारा की गई आलोचना की पर्चे में प्रशंसा की गई है। पर्चे में कहा गया है कि हमारे (नक्सलियों) साथ-साथ पत्रकारों को भी सताया जा रहा है। ऐसे में सबको मौजूदा शासन प्रणाली के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
विकास में सहभागी बनें नक्सली: SP
एसपी नरेन्द्र खरे ने कहा कि नक्सलियों को निर्दोष लोगों की हत्या करना बंद कर मुख्य धारा से जुड़कर लोगों के विकास में भागीदार बनना चाहिए। नक्सली ऐसे पर्चे जारी करते रहते हैं।
खरे ने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या करना और बाद में एक पत्र के माध्यम से खेद व्यक्त करना उनके लिए आम हो गया है। मगर जिनके परिजन मारे जाते हैं, उन पर क्या बीत रही होगी, इस बारे में नहीं सोचते।