महाराष्ट्र में कोविड मामलों में तेजी, कई शहरों ने लगाया ‘स्वैच्छिक’ जनता कर्फ्यू
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि से चिंतित महाराष्ट्र के कई शहरों और कस्बों में लोग महामारी को नियंत्रित करने के लिए स्वैच्छिक ‘जनता कर्फ्यू’ लगा रहे हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर ने सितंबर के आखिरी दो सप्ताहांतों में ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का फैसला किया है। ये 18 सितंबर की रात से 21 सितंबर की सुबह तक और 25 सितंबर की रात से 28 सितंबर की सुबह तक जारी रहेगा।
प्रतिनिधियों और आम नागरिकों की मांग
नागपुर के महापौर संदीप जोशी ने कहा कि शहर में कोविड-19 मामलों और मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर प्रतिनिधियों और आम नागरिकों की मांग पर यह फैसला किया गया।
उन्होंने अपील की, “बार-बार अपील के बावजूद कुछ गैर-जिम्मेदार नागरिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, जिससे खतरा पैदा होता है। सरकार ने लॉकडाउन की अनुमति नहीं दी है इसलिए इसका कोई हल नहीं है। इसीलिए हमने लोगों की स्वैच्छिक भागीदारी के साथ ‘जनता कर्फ्यू’ लागू करने का फैसला किया है।”
यह घोषणा नागपुर के महापौर और नगर आयुक्त राधाकृष्णन बी. की चिकित्सा अधिकारियों समेत विभिन्न लोगों और प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद आया है।
प्रत्येक नागरिक को नियमों का करना चाहिए पालन
राधाकृष्णन बी ने कहा, “प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी को पहचानते हुए नियमों का पालन करना चाहिए। शहर में सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं हैं और नागपुर नगर निगम (एनएमसी) इनको बेहतर करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है।”
नागपुर में रोजाना 6,500-7,000 कोरोना वायरस परीक्षण हो रहे हैं। कोविड अस्पतालों की संख्या 7 से 40 हो गई है। इसके अलावा बेड की संख्या 3,500, एंबुलेंस की संख्या 65 कर दी गई है।
‘जनता कर्फ्यू’ के अलावा कोल्हापुर, सांगली, जलगांव, रायगढ़, औरंगाबाद और नागपुर जैसे कई शहरों में जुलाई के अंतिम सप्ताहांत में स्वैच्छिक बंद भी किया गया था।
16 सितंबर तक 47 लाख की आबादी वाले नागपुर जिले में 55,827 कोविड मामले और 1,485 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
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