पत्रकारिता छोड़, शेफ बनकर संवारा करियर
जिसके पास जेब में लाखों रुपए होते हैं आम तौर पर लाइफ में बड़े-बड़े शौक भी उन्हीं के होते हैं, लेकिन कुछ शौक ऐसे होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए इंसान को दिल से अमीर होना पड़ता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मंदाकिनी गुप्ता की, जिन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए एनडीटीवी और सीएनएन आईबीएन जैसे न्यूज चैनलों की नौकरी छोड़ शेफ बनने का फैसला लिया। क्योंकि उन्होंने पांच साल की उम्र में ही तय कर लिया था कि एक दिन वो भी शेफ बनेंगी।
पत्रकारिता को कहा अलविदा
मंदाकिनी ने अपनी पढ़ाई एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म से पूरी की और लगभग सात साल तक सफल पत्रकारिता करने के बाद उन्होंने एकाएक पत्रकारिता को अलविदा कह दिया। जिसके बाद पेस्ट्री शेफ बनने के लिए मंदाकिनी ने दिल्ली के एक होटल में इंटर्नशिप की।
इसके लिए उनको काफी संघर्ष करना पड़ा था। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और शुरूआत में उनको हफ्ते में दस ऑर्डर तक मिल जाते थे और अब तीन सालों के अंदर सौ से ज्यादा ऑर्डर पर वो काम कर रही हैं।
पति का मिला साथ
मंदाकिनी सारे काम खुद करती हैं। इसके लिए वो किसी से मदद नहीं लेती सिर्फ घरेलू काम काज के लिए पति से सहयोग लेती हैं। उनके पति को भी खाना बनाने का बेहद शौक है। शादी के बाद उनके पति ने उनको अपनी जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काफी प्रेरित किया।
भारतीय चॉकलेट का नहीं करती इस्तेमाल
उनके कारोबार की खासियत है पेस्ट्री में महंगी सामग्री का इस्तेमाल, लेकिन इसके साथ वह ज्यादा कीमत रखने पर विश्वास नहीं करती। वो सिर्फ ऐसे डेजर्ट बनाने पर विश्वास नहीं करती जो विलासिता के लिए हों, बल्कि वो ऐसा खाना बनाना चाहती है जिसे लोग खरीदने में समर्थ हों।
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मंदाकिनी केक बनाने में भारतीय चॉकलेट का इस्तेमाल नहीं करती, क्योंकि उनकी गुणवत्ता ज्यादा बेहतर नहीं होती। वो सिर्फ विदेश चॉकलेट का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं। जबकि फल और रसभरी फ्रांस से आयात किए जाते हैं और नींबू उनके पारिवारिक फॉर्म से आता है।
बॉलीवुड भी मुरीद
उनकी बनाई पेस्ट्री के ना सिर्फ आम ग्राहक मुरीद हैं, बल्कि बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब अभिनेता शाहिद कपूर ने दिल्ली में शादी कि तो उन्होंने हाथों से बनी शानदार चॉकलेट पेस्ट्री के लिए मंदाकिनी की कपंनी ‘स्मिटन’ को ही ऑर्डर दिया था।
जिस दिन उनको ये ऑर्डर मिला वो दिन मंदाकिनी के लिए काफी व्यस्त था। उस दिन उन्होंने 100 तरह के चॉकलेट्स तैयार किए। जब ऑर्डर तैयार हुआ तो मीरा खुद उनको लेने के लिए आईं। फिलहाल उनकी कंपनी हर दिन प्रगति के साथ शानदार काम कर रही है।
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