बैठक में इन मुद्दों पर हुआ मंथन, गठबंधन पर चुप्पी
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की विपक्षी दलों से गठबंधन को लेकर शनिवार को बैठक हुई। इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, उपाध्यक्ष किरनमय नंदा और राज्यसभा सांसद जया बच्चन सहित कई बड़े दिग्गज नेता मौजूद रहे।
हैरानी वाली बात यह रही कि इस बैठक में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पूर्व मंत्री आजम खान उपस्थित नहीं रहे। इनके अलावा शिवपाल यादव भी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हुए। सपा की इस अहम बैठक से मुलायम और आजम खान के न पहुंचने से यूपी के राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की कयासबाजी शुरू हो गई है।
बैठक में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए
1- आम चुनाव में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से आगामी लोकसभा चुनाव कराया जाए। अगर निर्वाचन आयोग नहीं मानता है तो अन्य पार्टियों के साथ मिलकर दबाव बनाया जाए और आंदोलन किया जाए। इस बाबत रामगोपल ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी जायेगी तो इलेक्शन कमीशन के दरवाजे पर बैठ जाएंगे और किसी को अंदर व बाहर नहीं जाने देंगे।
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2- अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिये किस पार्टी के साथ गठबंधन करना है…कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है…इसके निर्णय का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिया गया है।
सीटों के बंटवारे के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत
इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले गठबंधन और सीटों के बंटवारे के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया गया। गोपालदास नीरज, रामजीलाल सुमन और राजीव राय के पिता की मृत्यु पर शोक प्रस्ताव हुआ और दो मिनट का मौन रखा गया।
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इस बैठक के बाबत रामगोपाल यादव ने कहा कि शिवपाल यादव, आज़म खां, मुलायम सिंह नहीं आये लेकिन, 90 प्रतिशत लोग यहां मौजूद थे।
उपचुनाव में जीत पर जनता को दी बधाई
लोकसभा चुनाव में भी ऐसे अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिये गये हैं। जिन चुनावों में सपा जीती है उनमें मतदाताओं को धन्यवाद दिया गया।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लखनऊ आने के बाबत रामगोपाल यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को अब तो हर रोज उत्तर प्रदेश का चक्कर लगाना पड़ेगा, अभी तो ये शुरुआत है।
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