#PulwamaAttack : मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत को सलाम
पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की मंगलवार को अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। नम आंखों और भीगे मौसम के बीच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार दूसरे दिन देश के एक और सपूत को अंतिम विदाई दी जा रही है।
कश्मीर में शहादत देने वाले मेजर चित्रेश के बाद आज मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल अपनी अंतिम यात्रा पर हैं। वह सोमवार को पुलवामा मुठभेड़ में शहीद हुए थे। ‘भारत माता की जय’ और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाती हजारों लोगों की भीड़ उन्हें सलामी दे रही है।
मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को देहरादून लाया गया था। शहीद मेजर के परिवार में दादी, मां, तीन बहनें और पत्नी हैं। मां दिल की मरीज हैं, जिस वजह से उन्हें सबसे अंतिम में बेटे की शहादत की सूचना दी गई। मेजर ने पिछले साल अप्रैल मे निकिता कौल से शादी की थी, जो कश्मीर से विस्थापित परिवार से हैं।
शहीद मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल (34) ने आठ साल पहले 2011 में आर्मी जॉइन की थी। पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ मेजर ऑपरेशन में वह आतंकियों का सामना करते हुए शहीद हो गए। सोमवार को जैश के टॉप कमांडर कामरान के पिंगलिना में छिपे होने की सूचना पर वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिट के साथ आतंकियों का सामना करने निकल पड़े, लेकिन आतंकियों की गोली ने देश का सपूत छीन लिया।
दादी, मां, बहनों के लाडले थे मेजर विभूति
देहरादून के डंगवाल रोड निवासी मेजर के पिता स्व. ओमप्रकाश ढौंडियाल का निधन हो चुका है। अब शहीद के परिवार में बूढ़ी दादी, मां, तीन बहनें और पत्नी हैं। पिछले साल ही उनकी शादी हुई थी। दो बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि एक अभी अविवाहित हैं। मेजर का परिवार मूल रूप से पौड़ी जिले के बैजरो ढौंड गांव का रहने वाला है।
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शहीद मेजर की मां हर्ट की पेशेंट हैं और उन्हें सोमवार की शाम तक बेटे की शहादत की सूचना नहीं दी गई थी। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि देर शाम सेना के एक अधिकारी ने उनसे बात की। पड़ोसी श्वेता खंडूरी ने बताया कि शहीद के परिवार में मातम छाया है और हर कोई गहरे सदमे में है। शहादत की सूचना मिलने पर तीनों बहनें यहां पहुंच गईं और पत्नी निकिता बात कर पाने की स्थिति में नहीं हैं।
पिछले साल ही हुई थी मेजर की शादी
मेजर विभूति ने एक साल पहले ही फरीदाबाद की निकिता कौल से शादी की थी, जो कश्मीर के विस्थापित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। मेजर विभूति और निकिता में प्रेम था और दोनों ने लव मैरिज की थी। शहीद विभूति के बचपन के दोस्त मयंक खंडूरी ने कहा, ‘विभूति शुरू से पढ़ाई में काफी तेज था। वह हमेशा से सेना जॉइन करना चाहता था। हमने 12वीं क्लास तक साथ में पढ़ाई की और फिर ग्रेजुएशन के बाद वह सेना में शामिल हो गए। पिछले साल ही उन्होंने निकिता से शादी कर ली थी। वह दिल्ली में काम करती थीं और जब भी विभूति छुट्टी पर आते तो दोनों यहां साथ रुकते थे।’
अब यह वादा कभी पूरा नहीं होगा….’
आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद होने वाले उत्तराखंड के मेजर वीएस ढौंडियाल ने वादा किया था कि इस बार लंबी छुट्टी पर आएंगे। अब यह वादा कभी पूरा नहीं होगा। ‘हां पापा… निकिता से बात कर रहा था। मैं अप्रैल में आ रहा हूं न, पिछली बार भागमभाग में तो रुक नहीं पाया। अब की बार लंबी छुट्टी लेकर आऊंगा।’ कुछ यही बातें पुलवामा के पिंगलिना में आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल ने रविवार सुबह अपने ससुर एम. एल. कौल से की थी। वह ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-82 स्थित एसपीआर सोसायटी में रहते हैं। सोमवार को आतंकियों से एनकाउंटर के बीच मेजर के शहीद होने की खबर ने सास-ससुर सहित पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया।
‘जम्मू-कश्मीर के पिंगलिना इलाके में सोमवार को हुई आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल शहीद हो गए। देर शाम विशेष सैन्य विमान से उनका पार्थिव शरीर देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया गया।
इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। सेना ने जवानों ने एयरपोर्ट पर शहीद को सलामी दी। उनके पार्थिव शरीर को मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। मंगलवार को अंतिम संस्कार के लिए शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया जाएगा।
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