Mahashivratri 2024: काशी विश्वनाथ मंदिर रचेगा इतिहास, 36 घंटे तक होगी लाइव स्ट्रीमिंग

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Mahashivratri 2024: महादेव, देवों के देव, महाशिवरात्रि के दिन 45 घंटे तक अनवरत जागरूक रहेंगे. यह अद्वितीय समय होगा जब दुनिया भर के भक्त बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन करने का अवसर पा सकेंगे. और यह पहली बार है जब इसे 36 घंटे तक लगातार लाइव देखा जा सकेगा. महाशिवरात्रि के दिन धाम में पांच द्वारों से प्रवेश और निकास की व्यवस्था की गई है. बता दें कि इस बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.

शुरू हुई काशी विश्वनाथ में महाशिवरात्रि की तैयारियां

सोमवार से श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारियां आरंभ हो चुकी है. गोदौलिया से लेकर मंदिर के प्रवेश द्वार तक बैरिकेडिंग लगाई जा रही है. सात मार्च की मध्य रात्रि से ही श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाइन में लग जाएंगे. मंगला आरती के साथ ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. गौरतलब है कि पिछले साल महाशिवरात्रि पर लगभग आठ लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था. दूसरी ओर इस बार अनुमान है कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर आठ से 10 लाख तक पहुंच सकती है.

इस बार काशी विश्वनाथ में क्या होगा खास

तीन दशकों के बाद पहली बार, श्रद्धालु ज्ञानवापी तहखाने में स्थापित देवी-देवताओं के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त होगा. मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि यह पहली बार होगा जब 36 घंटे तक मंदिर के गर्भगृह से महाशिवरात्रि पर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. मंदिर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकेंगे. आपको बता दें कि आठ मार्च की सुबह मंगला आरती के साथ ही लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होगी जो नौ मार्च को भोग आरती तक प्रसारित की जाएगी.

मंदिर में आने-जाने की क्या हैं सुविधाएं

श्री काशी विश्वनाथ धाम में गेट नंबर चार से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. श्रद्धालु नीलकंठ भवन से कतारबद्ध होकर शंकराचार्य चौक में प्रवेश करेंगे. जांच के बाद मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश सी द्वार से होगा. गर्भगृह के उत्तरी द्वार से झांकी दर्शन के बाद श्रद्धालु शंकराचार्य चौक होते हुए गंगा द्वार से बाहर निकलेंगे. प्रोटोकॉल के जरिये आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार से प्रवेश दिलाया जाएगा. श्रृंगार गौरी चेकिंग प्वाइंट से नंदी के समीप से श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में प्रवेश करेंगे. साथ ही सी गेट से दर्शन करने के बाद वे इसी रास्ते से वापस आएंगे.

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गर्भगृह में नहीं मिलेगी एंट्री

भक्तों की अनुमानित संख्या को देखते हुए इस बार महाशिवरात्रि पर उन्हें सिर्फ झांकी दर्शन की ही अनुमति दी गई है. कोई भी भक्त बाबा के गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और साथ ही हर कोई बाहर से ही जल और दूध अर्पण कर बाबा का अभिषेक करेंगे.

written by – Harsh Srivastava

 

 

 

 

 

 

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