प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब लगातार उमड़ रहा है और आस्था स्नान जारी है. अब तक 27.58 करोड़ से अधिक लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. वहीं, गुरुवार सुबह तक करीब 92.90 लाख लोग संगम तट पर स्नान कर चुके हैं, जबकि 82.90 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच चुके हैं.
मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से 30 की मौत
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया. हालांकि, अत्यधिक भीड़ के चलते भगदड़ की घटना हुई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस प्रशासन भी हादसे की जांच में जुटा हुआ है.
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हादसे के पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. प्रशासन का अनुमान था कि मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ लोग संगम स्नान करेंगे, लेकिन भगदड़ के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है.
सख्त निर्देश, वाहनों की एंट्री पर रोक
सरकार ने महाकुंभ मेले में यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं:
• मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
• सभी वीआईपी पास तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं.
• 4 फरवरी तक श्रद्धालु केवल पैदल ही संगम तक जा सकेंगे.
• प्रयागराज शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है, केवल बाइक, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को ही अनुमति दी गई है.
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श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे की विशेष व्यवस्था
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने 360 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जो हर 4 मिनट के अंतराल पर संचालित हो रही हैं. सरकार का प्रयास है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
महाकुंभ में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें.