Mahakumbh 2025: मेले में धर्म ध्वजा की हुई स्थापना, जानें डिटेल…
अखाड़े की शुरुआत गुजरात के मांडवी से हुई...
Prayagraj: महाकुंभ 2025 शुरू होने में अब 15 दिन से भी कम का समय बचा है. इससे पहले आज सोमवती अमावस्या के मौके पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़े की की धर्मध्वजा को विधि-विधान से स्थापित कर दिया गया. इसी के साथ अखाड़े में महाकुंभ का आगाज हो गया. बैंड- बाजों के साथ साधु- संतों ने 52 फ़ीट ऊँचे धर्मध्वजा की पूजा अर्चना की.इस दौरान हर हर महादेव के जयकारे लगाए गए और धर्मध्वजा फहराई गई.
श्री पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के बारे में कुछ और खास बातें ….
बता दें कि इस अखाड़े की शुरुआत 726 ईस्वी (विक्रम संवत् 960) में गुजरात के मांडवी से हुई थी. इस अखाड़े का पूरा नाम श्री पंचायती तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा है. इस अखाड़े का आश्रम हरिद्वार के मायापुर में है. उज्जैन, हरिद्वार, त्रयंबकेश्वर और उदयपुर में भी इस अखाड़े के आश्रम हैं.
निरंजनी अखाड़े का धर्मध्वज गेरुआ रंग का है.जूना अखाड़े के बाद इस अखाड़े का नाम आता है.
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अखाड़े की पेशवाई 4 जनवरी को…
निरंजनी अखाड़े की परंपरा के मुताबिक धर्म ध्वजा स्थापना के कार्यक्रम में अखाड़े के महंत और श्री महंत शामिल नहीं होते हैं. अखाड़े में इष्ट देव की स्थापना और पूजा अर्चना के बाद ही अखाड़े के महंत और श्री महंतों के धर्म ध्वजा देखने की परंपरा है.जानकारी के मुताबिक, निरंजनी अखाड़े की पेशवाई 4 जनवरी को निकाली जाएगी. पेशवाई के बाद अखाड़े के संत महात्मा छावनी में आकर रहेंगे. उसके बाद अखाड़े के नागा संन्यासी छावनी में बनी कुटिया में धूनी रमायेंगे और यहीं पर श्रद्धालुओं और भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देंगे.
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भगवान कार्तिकेय है इष्ट देव…
श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी का मुख्यालय दारागंज प्रयागराज में स्थित है. निरंजनी अखाड़े के इष्ट देव भगवान कार्तिकेय हैं.अखाड़े की स्थापना वर्ष 904 में की गई थी. निरंजनी अखाड़े के 70 फ़ीसदी साधु संत पढ़े-लिखे माने जाते हैं.