Mahakumbh 2025: आसमान ही नहीं… पानी के अंदर भी होगी निगरानी…
Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज में नए साल में आयोजित होने वाले दिव्य और भव्य महाकुंभ के लिए सरकार ने कई तरह के इंतजाम किए है. इस बार के महाकुंभ में पानी के अंदर और आसमान में निगरानी के लिए सक्षम ड्रोन की तैनाती की जाएगी. अधिकारीयों ने जानकारी दी है कि, इस भव्य आयोजन में 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के शामिल होने की संभावना है.
24 घंटे पानी में होगी निगरानी…
बता दें कि, प्रदेश कि योगी सरकार ने कहा कि, महाकुंभ में संगम स्नान के दौरान हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है. कहा जा रहा है कि, पानी के अंदर ये ड्रोन संभवता 24 घंटे निगरानी रखेंगे. इतना ही बताया जा रहा है की ड्रोन कि खास बात यह है की यह कम रोशनी में भी प्रभावी ढांड से काम कर सकते है.
हाल ही में लांच हुआ था ड्रोन…
गौरतलब है कि, इस ड्रोन को हाल ही में लांच किया गया था. इसे पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र, प्रयागराज) राजीव नारायण मिश्रा ने लांच किया था जिसमें कहा गया था कि यह ड्रोन 100 मीटर की गहराई पर काम करने की क्षमता और किसी भी परिस्थिति में सटीक जानकारी देने में सक्षम हैं.
100 मीटर तक गोता लगा सकता है ड्रोन
उन्होंने कहा, ‘यह अत्याधुनिक ड्रोन 100 मीटर तक गोता लगा सकता है और ‘एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र’ (ICC) को तुरंत रिपोर्ट भेज सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘इसे असीमित दूरी से संचालित किया जा सकता है और यह जल के नीचे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिससे तत्काल कार्रवाई की जा सकती है.
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ड्रोन ऐसे करता है काम…
एक अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘ड्रोन रोधी प्रणाली हवाई क्षेत्र को लगातार स्कैन करने के लिए रडार का उपयोग करती है ताकि अज्ञात हवाई वस्तुओं का पता लगाया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘यदि संभावित खतरे का पता चलता है, तो उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले ‘ऑप्टिकल सेंसर’ ड्रोन की प्रकृति और इरादे का आकलन करते हैं. ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी’ को जाम करने जैसे प्रतिरोधी कदम इसके ‘नेविगेशन’ को बाधित कर इसे निष्क्रिय कर सकते हैं.’
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आपात स्थितियों में मिलती है मदद..
एक अधिकारी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमलावर ड्रोन प्रतिबंधित सामान, हथियार या निगरानी उपकरण ले जाकर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हाई-डेफिनिशन कैमरों से लैस ये ड्रोन मेला क्षेत्र में आईसीसीसी को सीधी ‘फीड’ (जानकारी) प्रदान करते हैं. इससे अधिकारियों को भीड़ के प्रवाह की निगरानी करने और आपात स्थितियों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद मिलती है.’