महापर्व छठ कल से प्रारंभ, जानें नहाय खाय का शुभ मुहूर्त
दिवाली के पांच दिवसीय पर्व के समापन के साथ ही 17 नवंबर से महापर्व छठ की शुरुआत हो गयी है, भगवान सूर्य की आराधना का तीन दिवसीय पर्व छठ इस साल 19 नवंबर को पड़ने वाला है. लेकिन आज कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथी को पड़ने वाले नहाय खाय से इस पर्व की शुरुआत आज से हो गयी रही है. नियम-संयम व्रत के तीन दिनों के बाद चौथे दिन प्रातःकाल में भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है, घर-घर में तैयारी शुरू हो गई है. 16 नवंबर से गंगा और वरुणा तट के अलावा अन्य जलाशयों पर जगह छेकने की शुरुआत होगी.
क्या है शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसारस, 18 नवंबर को कार्तिक षष्ठी तिथि सुबह 09:53 बजे शुरू होगी और 19 नवंबर को सुबह 07:50 बजे खत्म होगी.19 नवंबर को सूर्यास्त सायं 05:22 बजे होगा. अस्ताचलगामी सूर्य को उसी समय धूप दी जाएगी, 20 नवंबर को सूर्योदय 06:39 बजे होगा. इस व्रत में स्वच्छता का विशेष महत्व है, इसलिए चतुर्थी, नहाय-खाय वाले दिन, घर की सफाई व स्नानादि के बाद दिन में एक बार भात (चावल), कद्दु की सब्जी और जमीन पर शयन का विधान है.
दूसरे दिन खरीदना चाहिए था, पंचमी पर दिन भर खाना खाने के बाद सायंकाल गुड़ की बखीर खाई जाती है. छठ, तीसरे प्रमुख दिन, निराहार रहता है.किसी जलाशय के किनारे व्रती दूध और जल से अर्घ्य देते हैं, रात को भी जागते हैं. अगले दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
ऋतु संधि काल में आता है यह पर्व
ऋतु संधि काल में लोक आस्था का यह उत्सव आता है. भगवान आदित्य को पूरे ब्रह्माण्ड में ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, पशुओं, पक्षियों, जीवों, जन्तुओं, पेड़ों और पौधों की कल्पना बिना उनके जीवन के असली नहीं हो सकती. सनातन धर्म में उनका पूजन प्रत्यक्ष देव स्वरूप में किया जाता है. माता कुंती ने द्वापर में और भगवान श्रीराम ने त्रेतायुग में पहली बार डाला छठ का व्रत किया था.