अब भारत के बाहर ज़ांज़ीबार में खुलेगा मद्रास IIT, अक्टूबर में होगा लॉन्च
भारत में कई टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जिनकी लोकप्रियता देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। अब भारत के बाहर देश का पहला आईआईटी संस्थान स्थापित किया जाएगा। ये पहल करने जा रहा है मद्रास आईआईटी जो भारत के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी मद्रास (आईआईटी) का नया परिसर अब भारत के अलावा तंजानिया के ज़ांज़ीबार में भी खोला जाएगा। ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास का एक परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
विदेश में बनेगा देश का पहला IIT
दरअसल, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों तंजानिया के चार दिवसीय दौरे पर ज़ांज़ीबार में गए हैं। वहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तंजानिया द्वीपसमूह के साथ एक समझौता ज्ञापन साइन किया है। इस एमओयू में ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास का एक परिसर स्थापित करने की डील गई है। इस समझौते पर बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और ज़ांज़ीबार के राष्ट्रपति हुसैन अली म्विनी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। हस्ताक्षर के बाद विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि भारत के बाहर देश का पहला आईआईटी परिसर तंजानिया के ज़ांज़ीबार में बनेगा।
ज़ांज़ीबार में खुलेगा IIT मद्रास
ज़ांज़ीबार पूर्वी अफ्रीका के तट पर स्थित एक तंजानिया द्वीपसमूह का शहर है। यहां जांजीबार सिटी कॉलेज और बेयरफुट कॉलेज ज़ांज़ीबार शिक्षा के लिए काफी लोकप्रिय है। अब वहीं ज़ांज़ीबार में भारत का पहला आईआईटी कॉलेज खुल रहा है। ऐसे में यह स्थान आने वाले दिनों में शिक्षा के लिए मशहूर होगा, इसमें कोई दो राय नही है।
अक्टबूर में होगा लॉन्च
तंजानिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मान्यता देते हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसके दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करके शैक्षिक साझेदारी के रिश्ते को औपचारिक रूप दिया गया है। यह एमओयू समझौता ज़ांज़ीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास के प्रस्तावित परिसर की स्थापना के बारे में विस्तार से बताने के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। ज़ांज़ीबार में भारत के पहले आईआईटी मद्रास कॉलेज स्थापना कार्यक्रम को अक्टूबर 2023 में लॉन्च किया जाएगा।
ज़ांज़ीबार से खुलेंगे पर्यटन के रास्ते
ज़ांज़ीबार में अरबी भाषा बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में एक है। लेकिन अब इसका स्थान व्यावहारिक रूप से स्वाहिली ने ले लिया है। मगर शैक्षिणिक स्थानों की बात करें तो यहां अंग्रेजी भाषा का भी महत्व बढ़ चुका है। यहां मद्रास आईआईटी खुलने से भारत और तंजानिया के बीच रिश्ते भी मजबूत होंगे। इससे भारत को व्यापारिक रूप से फायदा होगा। क्योंकि ज़ांज़ीबार एक पर्यटक स्थान है। ज़ांज़ीबार में दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत गोताखोरी स्थल और गर्म पानी हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यह उन लोगों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है जो पानी के नीचे की दुनिया की खोज करना चाहते हैं। इससे पर्यटन में भी बढ़ावा होगा।
NEP ने 2020 में की थी सिफारिश
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला आईआईटी परिसर ज़ांज़ीबार में होगा।” इसमें कहा गया कि भारत के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और ज़ांज़ीबार के शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह परिसर भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को दर्शाता है और भारत द्वारा पूरे अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में लोगों के बीच संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाता है।” इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 सिफारिश करती है कि “उच्च प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा”।
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