लखनऊ : सीएए के खिलाफ एएमयू के बाद नदवा कॉलेज में बवाल

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नागरिकता संसोधन कानून (सीएए), 2019 के खिलाफ दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के बाद अब सोमवार को लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और पत्थरबाजी की। इस दौरान सैंकड़ों छात्र सुबह कॉलेज के बाहर निकल आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे, जिन्हंे पुलिस ने बलपूर्वक अंदर खदेड़ा। इससे गुस्साए छात्रों ने कॉलेज के अंदर से ईंट और पत्थर फेंके। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े और छात्रों को तितर-बितर किया।

पुलिस ने छात्रों को कॉलेज के अंदर कर गेट पर ताला जड़ दिया

पुलिस ने छात्रों को कॉलेज के अंदर कर गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान ट्रांस गोमती के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मौके पर छात्रों से शांत रहने की अपील करते रहे, लेकिन छात्र अंदर से लगातार पतथराव करते रहे। पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात है। कॉलेज के प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी भी छात्रों को समझाने में लगे हैं। मौंके पर लखनऊ के जिलाधिकारी और एसएसपी सहित भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है।

परिसर में कानून-व्यवस्था सख्ती से लागू होनी चाहिए

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने बताया, “नदवा कॉलेज के लगभग 150 छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन हमने कुछ ही देर में स्थिति को नियंत्रित कर लिया है। अब हालात सामान्य हैं। छात्र अपनी कक्षाओं में लौट रहे हैं।”

उधर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने छात्रों द्वारा पथराव करने के मुद्दे पर कहा कि परिसर में कानून-व्यवस्था सख्ती से लागू होनी चाहिए। छात्रों के हिंसात्मक होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने शिया, सुन्नी और नदवा के कुछ मौलानाओं को बातचीत के लिए बुलाया है। मुलाकात के बाद सभी मीडिया के सामने शांति की अपील करेंगे।

छात्रों को गुमराह किया जा रहा

मोहसिन रजा ने कहा, “अपनी राजनीति साधने के लिए छात्रों को गुमराह किया जा रहा है। मुसलमानों को इस बिल से नुकसान नहीं, बल्कि फायदा है। छात्रों को यह समझाने की जिम्मेदारी धर्मगुरुओं की हैं जो ठेकेदार बने हुए हैं।”

इसके अलावा, एएमयू और जामिया मिलिया में हुए बवाल के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। सोमवार सुबह जिला प्रशासन के अफसरों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क किया और विश्वविद्यालय में एक दिन की छुट्टी करने की सलाह दी।

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