लखनऊ में वायु प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर 300 का आंकड़ा पार कर गया है, जिससे यह देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।
अक्टूबर में पहली बार लखनऊ में 328 का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) था, जो बुधवार को ‘बहुत प्रदूषित’ श्रेणी में आता है।
पहले-दूसरे नंबर पर है ये शहर-
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 300 से अधिक एक्यूआई वाले सात शहरों की सूची जारी की है। इनमें से तीन उत्तर प्रदेश में हैं। लखनऊ के अलावा, अन्य दो मेरठ और बागपत हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में लगभग 96 फ्लाईओवर निमार्णाधीन हैं और त्योहारी सीजन के कारण वाहनों की आवाजाही अपने चरम पर है। वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए अभी का मौसम अनुकूल है।
और खराब हो सकती है स्थिति-
चूंकि तापमान नीचे जा रहा है, हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पदार्थ) निलंबित हो जाते हैं और हवा की कम गति धूल को फैलाती नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जाएगी, स्थिति और खराब हो सकती है और लोगों को सांस की बीमारी होने की संभावना बढ़ेगी, खासकर कोरोनावायरस महामारी के दौरान।
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