लखनऊ : तीन तलाक मामले में मोदी सरकार की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर के तहत तीन तलाक बिल के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी तादाद में लखनऊ की टीले वाली मस्जिद पर पहुंच मुस्लिम महिलाओं ने सरकारी फैसले पर अपनी नाराजगी जताई।
सरकार की दखलंदाजी नहीं पसंद
महिलाओं का कहना है कि तीन तलाक बिल शरियत के खिलाफ है। इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रर्दशनकारी महिलाओं के मुताबिक, तीन तलाक उनके लिए जहर की तरह है लेकिन इस जहर से उन्हें कैसे निजात मिले यह फैसला सरकार नहीं बल्कि वह खुद अपने शरियत के हिसाब से करेंगी। महिलाओं ने कहा कि इस मामले में सरकार को कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है।
साथ ही साथ दिल्ली से आई मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की महिला विंग की अध्यक्ष अस्मा जोहरा ने बताया कि आज जो यहां मुस्लिम समुदाय की महिलाएं हजारों की संख्या में इकट्ठा हुई हैं उनका भी यही मानना है कि सरकार को इस फैसले पर कोई भी एक्शन लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि आज शाम को दिल्ली में मीटिंग रखी गई है और अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आने वाले समय में दिल्ली में इससे ज्यादा तादाद में मुस्लिम महिलाएं एकत्र होकर फिर से खुलकर विरोध करेंगी।
सोशल मीडिया बन रहा बड़ी ताकत
तीन तलाक बिल को लेकर रविवार को होने वाले प्रदर्शन को कामयाब बनाने के लिए महिलाओं ने सोशल मीडिया को बड़ा हथियार बनाया है। फेसबुक, वाट्सअप के जरिए महिलाओं से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की जा रही है।
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इसके अलावा जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से भी प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गई थी। महिलाओं ने प्रदर्शन को यू ट्यूब व फेसबुक पर लाइव टेलिकास्ट करने की व्यवस्था भी की है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ इस प्रदर्शन को जमीयत उलमा हिन्द, सुन्नी बोर्ड ऑफ इंडिया समेत कई संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
दरअसल संसद में तीन तलाक बिल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले ही अपना विरोध जता चुका है। दिलचस्प बात ये है कि बिल पेश होने के साथ ही देश के कई हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं ने बिल के पक्ष में प्रदर्शन किया था। कई जगह केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया गया था। इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भी प्रदर्शनों की शुरुआत हुई। लखनऊ में हुआ ये प्रदर्शन उसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है।