प्रेमी ने चुनी जेल और घरवालों ने फेरा मुंह, बिन ब्याही मां पूछ रही ‘मेरा क्या कसूर’

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प्यार पाने की आस में घर से निकली और प्रेमी से मंदिर में शादी कर ली। एक साल तक प्रेमी के साथ किराए के मकान में घरवालों से छिपकर रही। दोनों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था। फिर एक दिन युवती गर्भवती हो गई। प्रेमिकी के मां बनने की खबर सुनते ही प्रेमी ने उसे अपनाने से ही इनकार कर दिया। युवती प्रेमी के सामने रोई-चिल्लाई पर उसने धिक्कार दिया। थाने में शिकायत करने पर भी प्रेमी ने जेल जाना चुना पर युवती और उसके बच्चे को अपनाने से मना कर दिया। प्रेमी तो जेल चला गया पर बिन ब्याही मां बनी युवती का जीवन नरक बन गया। घर से भागी युवती से उसके घरवालों ने भी मुंह फेर लिया। कच्ची उम्र में अब युवती बच्ची को गोद में लेकर केवल एक ही सवाल पूछ रही है कि मेरा क्या कसूर था?

प्रेमजाल फंसाकर बनाया गर्भवती

दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले के घोघा क्षेत्र के एक गांव में आरोपी प्रेमी ने पहले युवती को प्रेमजाल में फंसाया और फिर गर्भवती होने पर अपनाने से इनकार कर दिया। उसने पुलिस से युवक की शिकायत की।  युवती का आरोप है कि दोनों ने मंदिर में शादी भी की थी। मगर इसके बाद भी आरोपी युवक युवती को अपनाने को तैयार नही हुआ। जिसपर युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। प्रेमी के जेल जाने के तीन महीने बाद युवती ने बच्ची को जन्म दिया। इधर बच्ची के पैदा होते ही पीड़िता के घर-परिवार और गांववालों ने भी उससे मुंह फेर लिया है। बच्ची को गोद में लिए युवती  अब तरसती नजरों से सबकी ओर देख रही है।  ना उससे कोई प्‍यार से बात करता है और ना बच्‍ची को लाड लड़ाता है।

वह तो जेल गया, पर मुझे न्याय कब?

गोद में बच्ची और आंखों में सिर्फ एक सवाल लिए भटक रही युवती का किस्सा दिल को कचोटने वाला है। पीड़िता दुखी दिल से पूछ रही है कि उसके प्रेमी ने जो गलत किया, उसके लिए वह सजा भुगत रहा है। जेल काट रहा है, लेकिन उसके और उसकी बच्‍ची के साथ जो रहा है, उन दोनों को इंसाफ किस अदालत में मिलेगा? आखिर उसकी और उसकी बच्‍ची का कसूर क्या है?

2019 में मंदिर में की थी शादी

पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़िता ने बताया, ”हम दोनों ने  साल 2019 में घोघा बाजार सरस्वती मंदिर में शादी भी की थी। एक साल तक घरवालों से छिपकर किराये के मकान में पति-पत्नी की तरह रहे। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जब मैं गर्भवती हो गई तो प्रेमी ने मुझे अपनाने से साफ इनकार कर दिया। मैं उसके सामने रोई-गिड़गिड़ाई पर उसने एक नहीं सुनी।”

प्रेमी के जेल जाने के बाद पैदा हुई बच्ची

पीड़िता ने कहा, ”इसके बाद उसने कानून का सहारा लिया। प्रेमी के खिलाफ लिखित शिकायत की। उस वक्त आरोपी प्रेमी ने जेल जाना चुना, लेकिन मुझे अपनाना नहीं, जबकि कानून ने उसे दोनों विकल्प मिले थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यौन शोषण के आरोप में आरोपी प्रेमी को जेल भेज दिया। प्रेमी के जेल जाने के तीन महीने बाद मैंने एक बच्‍ची को जन्‍म दिया।”

परिजनों ने कहा- बच्ची छोड़ दो

पहले प्रेमी ने बच्ची को ठुकराया और अब परिजनों ने भी बच्ची  को छोड़ने को कह दिया है। पीड़िता ने बताया कि उसके घरवालों ने कहा है कि बच्ची को कहीं छोड़ दो तभी अपनाएंगे। पीड़िता ने आगे कहा, ”उस पर दबाव बनाया गया कि वह बच्ची को कहीं छोड़कर आ जाए, किसी को दे दे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसी का परिणाम है कि आज समाज में वह उपहास की पात्र बन गई है। मदद तो दूर लोग उससे बात तक नहीं करते हैं और न ही अपने घर की बहू-बेटियों को बात करने देते हैं।”

युवती ने बच्ची को सीने से लगाया

मां आखिर मां ही होती है। फिर मां की उम्र चाहे जो भी हो। यही वजह है कि इतने दबाव के बाद भी युवती अजन्मी बच्ची को छोड़ने का मन नही  बनाया। बल्कि युवती ने बच्ची को सीने से लगा लिया। लोक-लाज के भय से दूर युवती ने बच्ची को पालने की सोची है। ऐसे में युवती की दर्दशा बद से बद्तर हो गई है। युवती के कंधों पर अब मासूम बच्ची की भी जिम्मेदारी है।

 

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