भगवान कृष्ण ने अपने ही पुत्र को दिया था कोढ़ी होने का श्राप ? क्या है इसके पीछे की कहानी
हिंदू पुराणों में लोगों की गहरी आस्था है। इसमें विष्णु के विभिन्न अवतारों के साथ साथ 33 करोड़ देवी-देवताओं का विस्तृत वर्णन है। इस सभी देवी-देवताओं से जुड़ी ऐसी कई रहस्यमय कहानियां हैं।
इन कहानियों के बारे में कम ही लोग जानते हैं। ऐसी है रहस्यमय कहानी है भगवान कृष्ण और उनके पुत्र से जुड़ा हुई।
इस रहस्यमय कहानी के बारे में कहा जाता है कि गुस्से में भगवान कृष्ण ने अपने ही पुत्र को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया था। तो चलिए जानते है क्या है पूरी कहानी।
कहते हैं कि भगवान कृष्ण की 16,100 रानियां तथा आठ पटरानियां थी। इनमें से एक थी जामवंती। कृष्ण और जामवंती के पुत्र का नाम सांबा था।
कहते है सांबा इतना आकर्षक और सुंदर था कि कृष्ण की कई पटरानियां तक उसकी सुंदरता के प्रभाव में आ गई थीं। सांबा के रूप से प्रभावित होकर एक दिन श्रीकृष्ण की एक रानी ने सांबा की पत्नी का रूप धारण कर उसे आलिंगन में भर लिया।
यह थी श्राप देने की असली वजह-
ऐसा करते हुए श्रीकृष्ण ने उन दोनों को देख लिया। इसी बात से गुस्सा होकर श्रीकृष्ण ने सांबा को कोढ़ी हो जाने का श्राप दे दिया।
पुराणों के अनुसार, सांबा को कोढ़ से मुक्ति का उपाय बताते हुए महर्षि कटक ने सूर्य देव की उपासना करने को कहा। उसके बाद सांबा ने चंद्रभागा नदी के किनारे मित्रवन में सूर्य देव का एक मंदिर बनवाया और 12 सालों तक सूर्य देव की कड़ी तपस्या की।
कहते हैं कि सूर्य देव ने सांबा की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे कोढ़ से मुक्ति पाने के लिए चंद्रभागा नदी में स्नान करने को कहा।
आज भी चंद्रभागा नदी को कोढ़ ठीक करने वाली नदी के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इस नदी में स्नान करने वाले व्यक्ति का कोढ़ जल्दी ठीक हो जाता है।
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