Lok Sabha by-election: क्या सपा और भाजपा का खेल बिगाड़ सकता है बसपा का ये उम्मीदवार?
देश भर की 3 लोकसभा सीटों और 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों में सबसे ज्यादा यूपी की आजमगढ़ सीट चर्चा में है. जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी इस सीट के लिए पूरा दमखम लगा रही है तो दूसरी तरफ इस सीट को अपने पास रखने के लिए भाजपा भी कोई कसर बाकी नहीं रख रही है. हालांकि, इन दोनों के बीच में एक तीसरा उम्मीदवार भी है, जो दोनों ही पार्टियों का खेल खराब कर सकता है, और वो हैं बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली. आजमगढ़ सीट से भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ 3 जनसभाएं करके वोट मांग चुके हैं. लेकिन, अखिलेश ने आजमगढ़ में अभी तक प्रचार नहीं किया है. बता दें मंगलवार को प्रचार का अंतिम दिन था.
अखिलेश के आजमगढ़ में चुनाव प्रचार के लिए ना आने को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है. अखिलेश को अपने मजबूत जनाधार और जातिगत आधार पर पूरा भरोसा हो सकता है. लखनऊ से आजमगढ़ की सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है मगर सत्ताधारी दल सपा की इस रणनीति को अखिलेश के ‘रणछोड़दास’ के रूप में प्रचारित प्रसारित कर रही है. बता दें साल 2019 में आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की थी. लेकिन, साल 2022 में विधायक बनने के बाद उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.
सीएम योगी ने अपने चुनावी भाषण में विकास को ही मुख्य मुद्दा रखा कि ब्लैक पॉटरी जो कि आजमगढ़ की पहचान है उसको दुनिया के कोने कोने तक भाजपा सरकार ने ही पहुंचाया. उधर, गुड्डू जमाली ने पूरे प्रचार के दौरान खुद को ‘आजमगढ़ का बेटा’ बताते हुए वोट मांग रहे हैं. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के समर्थन के बाद से बसपा उम्मीदवार गुड्डू जमाली का मनोबल काफी ऊंचा हो गया है. बता दें आजमगढ़ में उलेमा काउंसिल की पकड़ अच्छी है. इनकी बदौलत साल 2017 में बसपा यहां से चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
आजमगढ़ की सीट मुस्लिम बाहुल्य है. सपा एम-वाई समीकरण को साधकर ही यहां से जीत हासिल करती आई है. जातिगत समीकरणों की बात करें तो मेहनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां 1 लाख से ज्यादा दलित वोटर हैं. इसके अलावा करीब 70 हजार यादव वोटर हैं. राजभर और चौहान वोटरों की संख्या भी 35 हजार, मुस्लिम वोटर 20 हजार हैं. आजमगढ़ सदर सीट पर 80 हजार यादव वोटर हैं. दलित और मुस्लिम वोटर भी 60 हजार के करीब हैं. मुबारकपुर मुस्लिम बहुल सीट है.
बसपा उम्मीदवार गुड्डू जमाली साल 2017 में यहीं से विधायक चुने गए थे. यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 1 लाख 10 हजार से ज्यादा है, दलित वोटर 80 हजार, 65 हजार यादव मतदाता हैं. सगड़ी विधानसभा सीट पर 82 हजार दलित मतदाता, 60 हजार यादव, 41 हजार कुर्मी और मुस्लिम 31 हजार के करीब हैं. पांचवीं विधानसभा सीट गोपालपुर यादव बाहुल्य है. यहां 70 हजार के करीब यादव वोटर हैं, दलित 54 हजार, मुस्लिम 43 हजार के करीब हैं.
ज्ञात हो कि साल 1998 में एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार बसपा के टिकट पर अकबर अहमद डम्पी इस सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.