केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से देशभर में 29 लाख कोरोनावायरस मामलों और करीब 78,000 तक होने वाली मौतों को रोकने में मदद मिली है। हर्षवर्धन ने कहा, “राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन सरकार द्वारा लिया गया एक साहसिक निर्णय था और यह इस तथ्य की गवाही है कि भारत सामूहिक रूप से कोविड-19 का प्रबंधन करने के लिए खड़ा था। यह अनुमान लगाया गया है कि इस फैसले ने 14-29 लाख मामलों और 37,000 से 78,000 मौतों को रोका।”
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चार महीनों का उपयोग अतिरिक्त स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने, मानव संसाधन को मजबूत करने और भारत में पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर जैसे महत्वपूर्ण सामानों का उत्पादन करने के लिए किया गया था, साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इन चीजों में अब आत्मनिर्भर है।
पिछले 24 घंटों में कोरोना के 92,071 नए मामले
पिछले 24 घंटों में कोरोना के 92,071 नए मामलों और 1,136 मौतों के साथ भारत में सोमवार को कुल मामले 48,46,427 हो गए। इनमें कुल 9,86,595 सक्रिय मामले हैं, 37,80,107 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं 79,722 लोग इस वायरल बीमारी के खिलाफ लड़ाई हार गए। बीते 24 घंटों में 77,512 मरीजों को संक्रमण से उबरने के बाद छुट्टी दे दी गई।
हर्षवर्धन ने कहा, “मुख्य रूप से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात से सबसे अधिक कोरोना मामले और मौतें दर्ज की गई हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में 92 प्रतिशत कोरोनावायरस के मामलों में हल्के लक्षण दिखाई दिए। वहीं ऑक्सीजन का प्रयोग सिर्फ 5.8 प्रतिशत मामलों में और 1.7 प्रतिशत मामलों को महत्वपूर्ण देखभाल के अंतर्गत रखा गया।
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