मेट्रो का डिपो सौर ऊर्जा से होगा रोशन

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लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) ने अपने डिपो को सौर ऊर्जा से रोशन कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए मेट्रो की इस पहले से हर साल 25 लाख रुपये बिजली का बिल बचेगा। 25 साल के करार में सवा छह करोड़ की बचत होगी। 14 मार्च 2018 से परिसर के सभी ब्लाक में सोलर ऊर्जा से बिजली सप्लाई देने का काम शुरू कर दिया गया है।

यार्ड के ऊपर सोलर लगाने की प्रकिया शुरू की थी

कानपुर रोड स्थित पचास एकड़ में फैले डिपो में लखनऊ मेट्रो ने मार्च 2017 से एक निजी कंपनी के जरिए यार्ड के ऊपर सोलर लगाने की प्रकिया शुरू की थी। उद्देश्य था कि परिसर में खर्च होने वाली बिजली पचास फीसद से अधिक स्वयं जनरेट की जाए। कुछ ऐसा लखनऊ मेट्रो ने कर भी दिखाया। पहले चरण में कई हजार स्क्वायर फीट में फैले यार्ड की छत पर सोलर पैनल लगाए गए।

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इसकी जिम्मेदारी दिल्ली की फर्म सोलर रन सोलर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड को दी गई थी। 14 मार्च 2018 को पूरा परिसर सौर ऊर्जा से रोशन हो गया। सौर ऊर्जा से पहले चरण में प्रशिक्षण केंद्र, इंस्पेक्शन बे, कैंटीन, ऑपरेशन कंट्रोल रूम, शेड, ट्रैक के आसपास लगे हाईमास्ट, आफिसर रूम के एसी व विद्युत उपकरण को डिपो में पैदा होने वाली बिजली से फिलहाल लखनऊ मेट्रो ने चलाना शुरू कर दिया है।

बिजली से अफसरों के चेंबर रोशन होते हैं

बता दें कि डिपो के भीतर स्थित उपकेंद्र में भी दस किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया गया है। इससे जेनरेट होने वाली बिजली से अफसरों के चेंबर रोशन होते हैं।डिपो में सौर ऊर्जा से बिजली जनरेट की जा रही है। हर माह दो लाख रुपये से अधिक की बिजली यहा सोलर से जनरेट होगी। भविष्य में मेट्रो के अन्य प्रोजेक्ट भी सोलर लगाए जाएंगे।

दैनिक जागरण

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