महज 10 हजार रुपए में खोली थी कंपनी, आज हैं हजारों करोड़ के मालिक
अगर आपके अंदर हुनर और जिंदगी में सफलता पाने की ललक है तो कुछ भी मुमकिन है। क्योंकि हर इंसान उस कहावत को सहीं नहीं करता जिसमें कहा जाता है कि वो तो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुआ है और उसे कुछ करने की जरुरत नहीं है। दुनिया में बहुत ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने दम पर बुलंदियों की इबारत लिखी है। और आज देश के सबसे अमीर लोगों में गिने जाते हैं।
कुछ ऐसी ही कहानी है। दिलीप सांघवी की। दिलीप सांघवी सन फार्मा के एमडी और फाउंडर हैं। दिलीप शांघवी का जन्म गुजरात के एक छोटे से शहर अमरेली में हुआ था। पिता का नाम शांतिलाल सांघवी और मां का नाम कुमुद सांघवी था। स्कूली पढ़ाई के बाद शांघवी ने कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में अपना स्नातक पूरा किया।
पिता जी का कोलकाता’ में ही दवाइयों का व्यापार था। पिता शांतिलाल कोलकाता में जेनेरिक दवाइयों की सप्लाई करते थे। कॉलेज पूरा करने के बाद दिलीप भी दवाइयों के ही काम में लग गए और दवाई डिस्ट्रीब्यूशन शुरू कर दिया। कुछ सालों तक काम करने के बाद दिलीप के दिमाग में आया कि जब मैं दूसरों की बनाई हुई दवाई घूम-घूम कर बेच सकता हूं तो फिर मैं अपनी खुद की दवा बना कर क्यों न बेचूं।
और इसी विचार के साथ ही दिलीप सांघवी ने अपनी खुद की कंपनी डालने का मन बना लिया। दिलीप ने मात्र 10 हजार रुपएसे अपने एक दोस्त के साथ मिलकर साल 1982 में दवा कंपनी की स्थापना कर डाली। और देखते ही देखते कंपनी ने कुछ ही दिनों में अच्छा व्यापार करने लगी।
इसके कुछ साल बाद 1997 में दिलीप ने घाटे में जा रही एक अमेरिकी कंपनी कारको फार्मा को खरीद लिया ताकि अमेरिकी बाजार में भी पहुंच बनाई जा सके। इसके ठीक 10 साल बाद 2007 में कंपनी ने इजराइल की कंपनी टारो फार्मा को खरीद लिया।
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अब कंपनी आगे बढ़ रही थी, सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और फिर 2012 में सांघवी ने चेयरमैन और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद इजरैल मकोव को सन फार्मा का सीईओ चुन लिया गया जो कि इससे पहले टेवा फार्मास्युटिकल्स के सीईओ थे और शांघवी खुद कंपनी के एमडी हो गए।
2014 में सन फार्मा और रैनबक्सी के बीच एक करार के बाद रैनबक्सी भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी दवा बनाने वाली कंपनी हो गई। इस करार के मुताबिक सन फार्मा रैनबेक्सी के 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शेयर ले लेगी और सन फार्मा रैनबेक्सी के 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाएगी।