कालीन भदोही की विरासत, तुर्की हमारे सामने कुछ नहीं: गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री ने चार दिवसीय 47वें कार्पेट एक्सपो मार्ट का किया उद्घाटन
भदोही में 47वें कार्पेट एक्सपो मार्ट का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि- भारत में वस्त्र उद्योग के साल 2030 तक 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की आशा है और साथ ही रोजगार में अप्रत्याशित वृद्धि होगी. भारत सरकार ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है इस लक्ष्य को पाने में कारपेट उद्योग की भूमिका अहम होगी.
इतना ही नहीं भदोही का कार्पेट सिटी में चार दिवसीय मेला वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के द्वारा आयोजित हो रहा है. मेले के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान वस्त्र और विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरिटा और उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री राकेश सचान भी रहे उपस्थित रहे.उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गिरिराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में वस्त्र उद्योग 170 मिलियन डॉलर का है जिसे 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कपड़ा मंत्रालय में इस बढ़ोतरी से 20 लाख मिलियन टन यार्न की जरूरत होगी. इससे में नेचुरल विस्कोस और रीप्रोड्यूस यार्न की आने वाले दिन में मांग बढ़ेगी. कालीन निर्यातक संगठन को इस पर ध्यान रखकर अपनी कार्य योजना बनानी चाहिए.
कालीन भदोही की विरासत
उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि कालीन उद्योग को अपना व्यापार 16 हजार करोड़ से 50 हजार करोड़ तक ले जाने की योजना पर कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दरी और कारपेट चचेरे भाई हैं. लोगों को रोजगार देने वाले इस उद्योग के विकास पर हमारा हर स्तर पर सहयोग रहेगा. कालीन भदोही की विरासत है और तुर्की हमारे सामने कुछ भी नहीं है. हमें इसमें तकनीक का प्रयोग कर अपनी विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि कहा आप डिजाइन में नया पैटर्न लाकर अपनी विरासत को बढ़ाएं. उत्पादों का खर्च कम करने के लिए भदोही में कच्चे उत्पादन के लिए वूलन मिल लगाना चाहिए और कच्चा मटेरियल बैंक की भी स्थापना होनी चाहिए. उन्होंने तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों सहयोग के लिए तत्पर है.
सस्ते कारपेट की मांग दुनिया में बढ़ रही
वस्त्र उद्योग के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए उत्पादन को निर्माण स्थान पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां के उद्योग के लिए कच्चा माल गुजरात से बीकानेर और बीकानेर से भदोही आती है. इससे कीमत बढ़ जाती है और इसे कम करने का रास्ता है कि यहां पर कच्चा पदार्थ का निर्माण हो. उन्होंने कहा कि सस्ते कारपेट की मांग दुनिया में बढ़ रही है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. यहां आयोजित चार दिवसीय मेले में 67 देशों 500 सौ से ज्यादा आयातक प्रतिनिधि और 260 निर्यातक देश के विभिन्न हिस्सों से भाग ले रहे है.