लॉरेंस बिश्नोई ने ही करवाई थी सलमान के घर फायरिंग, क्राइम ब्रांच ने की पुष्टि
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के घर पर बीते कुछ महीने पहले हुई फायरिंग मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. जिसमें मुंबई क्राइम ब्रांच ने पुष्टि की है कि, यह हमला सिद्धू मूसेवाला के हत्यारे लॉरेंस बिशनोई ने कराया था. बीते 14 अप्रैल की सुबह सलमान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर गोलीबारी हुई थी. पुलिस ने कहा कि, लॉरेंस का भाई अनमोल बिश्नोई लगातार फोन पर दोनों शूटर्स को निर्देश दे रहा था.
अनमोल की आवाज दोनों हमलावरों के मोबाइल से रिकॉर्ड की गई थी, रिकॉड की गयी आवाज अनमोल की आवाज से मेल खाती है. साथ ही क्राइम ब्रांच ने दोनों हमलावरों के मोबाइल की ऑडियो रिकॉर्डिंग को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था. मुंबई पुलिस की केंद्रीय जांच टीम ने अनमोल बिश्नोई के ऑडियो सैंपल लिए थे, फोरेंसिक जांच के दौरान मोबाइल से प्राप्त ऑडियो और अनमोल की आवाज मेल खाते है.
इस मामले में छह आरोपी हुए गिरफ्तार
सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के बाद से लगातार मुंबई पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है. मुंबई पुलिस ने हमले के बाद गुजरात भागकर गए दोनो आरोपी विक्की गुप्ता और सागर पाल को गिऱफ्तार किया था. इसके बाद दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही थी. पछताछ के आधार पर इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से एक आरोपी अनुज थापन की पुलिस हवालात में ही मौत हो गयी थी, बताया जा रहा है कि, अनुज ने हवालात में फांसी लगा ली थी.
घटना के बाद अनमोल ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
14 अप्रैल की सुबह 5 बजे विक्की गुप्ता और सागर पाल बाइक पर सलमान के घर पहुंचे थे, इसके बाद दोनों ने सलमान के अपार्टमेंट पर चार गोली चलाने के बाद हमलावर ने 7.6 बोर की बंदूक को तापी नदी में फेंक दिया और वहां से भाग निकले. घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मामले की पड़ताल के दौरान गोताखोर टीम की मदद से बंदूक बरामद की थी. यह दिलचस्प है कि, अनमोल बिश्नोई ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कुछ घंटों बाद फेसबुक पर पोस्ट भी किया था.
आरोपियों पर लगाई गई मकोका की धाराएं
सभी आरोपियों पर सलमान खान के घर फायरिंग केस में मकोका की धाराएं लगाई गई हैं. मृतक आरोपी अनुज थापन ने शूटर्स को हथियार दिये थे. अनुज थापन की मौत को उसके परिवार ने हत्या का मामला बताया है, जिसके बाद राज्य की सीआईडी ने केस की जांच की है.
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क्या होती है मकोका धारा ?
साल 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट तैयार किया था.इसका उद्देश्य संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध पर रोक लगाना था. साल 2002 में इस कानून को दिल्ली सरकार ने भी लागू कर दिया था. यह कानून फिलहाल दिल्ली और महाराष्ट्र में लागू है. इसके तहत संगठित अपराध (संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही) और बड़े पैमाने पर पैसा बनाने वाले गैरकानूनी काम शामिल हैं. कानून विश्लेषकों का कहना है कि, आरोपियों को मकोका लगने के बाद आसानी से जमानत नहीं मिलती है.