जब लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की हुई थी कोशिश…
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 91वां जन्मदिन है।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 91वां जन्मदिन है। लता मंगेशकर का गायिकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा है। यही कारण है कि उन्हें भारत रत्न, पद्म विभुषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
भारतीय फिल्मों में गानों की जो मुख्य भूमिका है उसमें लता मंगेशकर का अहम योगदान है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था।
लता को जहर देने की हुई थी साजिश-
जब लता मंगेशकर 33 साल की थी तब उन्हें धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लेखिका पद्मा सचदेव ने अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में इस बात को विस्तार से लिखती हैं।
पद्मा सचदेव ने अपनी किताब में लिखा, ‘लता जी जब 33 साल की थीं तो उन्होंने मुझे ये बात बताई थी। एक दिन सुबह उनके पेट में तेज दर्द होने लगा।’
‘थोड़ी देर में उन्हें दो-तीन बार उल्टियां हुईं। जिसमें हरे रंग की कोई चीज थी। उन्होंने बताया कि वो बिल्कुल चलने की हालत में नहीं हैं। उनके पूरे शरीर में तेज दर्ज होने लगा।’
तीन महीने तक लता मंगेशकर ने किया बेड रेस्ट-
पद्मा सचदेव ने आगे लिखा कि ‘इस स्लो प्वॉइजन की वजह से लता मंगेशकर बेहद कमजोर हो गई थीं। उन्होंने तीन महीने तक बेड रेस्ट किया और कोई गाना नहीं गा पाईं।’
‘उनकी आंतों में दर्द रहता था। खाने में भी बेहद सावधानी बरतनी पड़ती थी। उन दिनों लता मंगेशकर केवल ठंडा सूप ही लेती थीं।’
किसने दिया जहर, नहीं मालूम पड़ा-
लता मंगेशकर को जहर देने वाले का नाम आज भी रहस्य ही है, लेकिन बताया जाता है कि उस घटना के बाद से लता जी का कुक फरार हो गया था।
इसके बाद वो कभी अपना बाकी बचा वेतन लेने भी नहीं आया।
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