अवैध ढंग से जमीन बेचा ,एसडीएम समेत पांच अधिकारी सस्पेंड
सीएम ने जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया है कि वे सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं
उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज में जमीन की अवैध बिक्री पर बड़ी कारवाई की. इस मामले में मुख्यमंत्री ने SDM समेत पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. निलंबित किये गए अधिकारियों में नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और SDM का रीडर भी शामिल है. सीएम ने जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया है कि वे सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं और विभागीय जांच भी शुरू कराएं.
क्या है पूरा मामला ?…
जानकारी के लिए बता दें कि सिरसागंज तहसील में अपने कार्यकाल के दौरान फिरोजाबाद के SDM विवेक राजपूत ने रुधैनी गांव में जमीन से संबंधित एक फैसला सुनाते हुए कथित तौर पर निचली अदालत के फैसले को पलट दिया. साथ ही एक आदेश भी जारी किया था. अपने इस फैसले के पांच दिनों के भीतर विवेक ने कथित तौर पर अपने गृह जिले के निवासियों और अन्य करीबी रिश्तेदारों को भूमि का अनियमित हस्तांतरण करने में मदद की जिससे उनके आधिकारिक पद का दुरुपयोग हुआ है. इन सभी कारणों की वजह से सीएम योगी ने SDM को निलंबित कर दिया है.
पद का दुरुपयोग तथा सरकारी सेवक आचरण नियमावली का उल्लंघन
राजस्व बोर्ड ने प्रभारी तहसीलदार नवीन कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की. उन्हें राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने तथा सरकारी सेवक आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया है. जमीन हड़पने और फसल बर्बाद करने के आरोप की जांच के बाद लेखपाल अभिलाष सिंह को निलंबित कर दिया है. जांच में दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही और FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं. SDM विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार, राजस्व निरीक्षक मुकेश के खिलाफ दर्ज मामले की जांच सतर्कता विभाग करेगा.
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75 बीघा जमीन घोटाले का मामला…
कहा जा रहा है कि यह मामला करीब 75 बीघा जमीन का विवाद फर्जी वसीयत को लेकर एसडीएम सिरसागंज के न्यायालय में चल रहा था. जिसमें 7 जून 2024 को एक आदेश होना था और दोनों पक्षों को 7 जून को बुलाया गया था. जब पीड़ित पक्ष योगेंद्र शर्मा एसडीएम के न्यायालय पहुंचे तो एसडीएम के पेशकार ने बताया कि इसमें आदेश हो चुका है. जब अपील कर्ता के भाई बेदेन्द्र शर्मा ने पूरी जानकारी जुटाई तो पता चला कि 7 जून 2024 को आदेश फर्जी वसीयतकर्ता के पक्ष में कर दिया है. साथ ही 11 जून 2024 को ही उक्त जमीन का दाखिल खारिज भी कर दिया गया.