राजनीति के सबसे बड़े ‘पलटूराम’ हैं नीतीश : लालू यादव
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद(Lalu Prasad) ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति का सबसे बड़ा ‘पलटूराम’ बताते हुए कहा कि उनसे बड़ा सत्तालोभी कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी इस्तीफा दे भी देते, तब भी नीतीश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना लेते। इनकी ‘सेटिंग’ पहले से चल रही थी।
नीतीश हैं पलटूराम
राजद अध्यक्ष(Lalu Prasad) ने यहां संवाददाताओं से कहा, “नीतीश पलटीबाज, पलटूराम हैं। इनका यही राजनीतिक चरित्र रहा है। इन्होंने अब तक न जाने कितने लोगों का दामन थामा है और कितनों को छोड़ा है। ये क्या हैं, यह सबको पता है।”
नीतीश द्वारा खुद को ‘कद्दावर नेता’ कहे जाने पर पलटवार करते हुए लालू ने कहा, “अगर ये इतने ही कद्दावर नेता हैं, तब 2014 के लोकसभा चुनाव में दो पर ही क्यों सिमट गए थे, हम तो चार सीट पर चुनाव जीते। कुछ सीटों पर कुछ ही वोटों से हारे।”
धोखा देना इनका रिकॉर्ड रहा है
राजद प्रमुख ने कहा, “सच तो यह है कि नीतीश कुमार का कोई जनाधार ही नहीं है। बिना गठबंधन इनका काम ही नहीं चलता है। गठबंधन करना और कुछ दिन बाद धोखा दे देना, यही इनका रिकार्ड रहा है।”
नीतीश को ‘चादर ओढ़कर घी पीने वाला नेता’ बताते हुए लालू(Lalu Prasad) ने कहा कि नीतीश कितने बड़े सिद्धांतवादी, आदर्शवादी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाले हैं, यह सबको पता चल गया है।
नीतीश ने कभी यादव सम्मेलन नहीं किया
नीतीश द्वारा सोमवार को खुद को ‘मास बेस’ का नेता बताए जाने पर लालू ने कहा, “अगर ऐसा ही है, तो वह पटना में आयोजित कुर्मी सम्मेलन में भाग लेने क्यों गए थे।” राजद प्रमुख ने दावा किया कि आज तक उन्होंने कभी भी यादव सम्मेलन का न तो आयोजन किया है और न ही ऐसे आयोजनों में शामिल हुए हैं।
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तेजस्वी की लोकप्रियता से डर गए नीतीश
लालू ने कहा, “नीतीश तेजस्वी यादव के अच्छे काम और बढ़ती लोकप्रियता से डर गए और बहाना बनाकर भाजपा के साथ मिल गए। तेजस्वी सिर्फ बहाना थे। तेजस्वी अगर इस्तीफा भी दे देते तब भी नीतीश भाजपा के साथ ही मिलते। आनन-फानन में जो कुछ हुआ, इसी से पता चलता है कि इसकी तैयारी वह काफी दिनों से कर रहे थे, सारा सबकुछ प्री प्लान था।”
जदयू प्रमुख द्वारा महागठबंधन तोड़े जाने से नाराज राजद प्रमुख ने नीतीश के राजनीतिक चरित्र पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, “अब नीतीश कुमार जय श्रीराम, जय श्रीराम करते रहें। भगवा ध्वज भी कंधा पर डाल लें।”
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