बाबरी विध्वंस केस: लालकृष्ण आडवाणी ने किया फैसले का स्वागत, जानिए क्या कहा
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत से बरी होने पर पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने जय श्री राम कहकर फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि अब वह करोड़ों देशवासियों की तरह अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना चाहते हैं। लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “स्पेशल कोर्ट का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब ये समाचार सुना तो जय श्री राम कहकर इसका स्वागत किया। हम सबके लिए बहुत खुशी का दिन है।”
श्रीराम जन्मभूमी आंदोलनाचे नायक श्री लालकृष्ण अडवाणीजी आज बाबरी विध्वंस प्रकरणाच्या अंतिम निर्णयच्या प्रसंगी आपल्या मुलीचा हात धरून टीव्हीवर पाहत होते.#धन्यवाद_अडवाणी_जी❤️🚩 pic.twitter.com/xDoSvtDZ9a
— Akshay Amilkanthwar🇮🇳 (@akshay_VarshRaj) September 30, 2020
अयोध्या में राम मंदिर का सपना पूरा हुआ-
भाजपा के अति वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “कोर्ट के निर्णय ने मेरे व्यक्तिगत और भारतीय जनता पार्टी पार्टी के राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति विश्वास और प्रतिबद्धता को साबित किया है। इसलिए और ज्यादा खुशी है कि यह निर्णय नौ नवंबर 2019 के उस निर्णय के बाद आया है, जिसके कारण अयोध्या में राम मंदिर का सपना पूरा हुआ।”
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने वीडियो जारी कर निर्णय का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि
स्पेशल कोर्ट का जो निर्णय हुआ, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज का दिन हम सभी के लिए खुशी का दिन है pic.twitter.com/cErp0GMi2I— Panchjanya (@epanchjanya) September 30, 2020
आडवाणी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और उन सभी का आभार जताया, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भूमिका निभाई। लालकृष्ण आडवाणी ने केस लड़ने वाली अपनी लीगल टीम के महिपाल, अनुराग अहलूवालिया के योगदान की सराहना की।
सभी 32 आरोपियों बरी-
बता दें कि छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले की 28 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने इस आपराधिक मामले में फैसला सुनाया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि विवादित ढांचा विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। सिर्फ तस्वीरों से आरोपियों के घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिल जाता।
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