हज के लिए मक्का पहुंचे लाखों मुस्लिम, काबा पर दुआ मांगते आए नजर…
मुस्लिमों की इस साल की सबसे पवित्र हज यात्रा 26 जून 2023 से शुरू हो चुकी है. इस बार 25 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री सऊदी अरब हज यात्रा के लिए पहुंचे हैं. सफेद कपड़ों में मुसलमानों तीर्थयात्रियों की भीड़ इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा की परिक्रमा कर रही है. उनकी प्रार्थनाएं सऊदी की हवा में गूंजने लगी हैं. हर साल शुरू होने वाली हज यात्रा इस बार एतिहासिक है. माना जा रहा है कि इस साल तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड भीड़ एतिहासिक है जिसे इससे पहले कभी नहीं देखा गया। सऊदी हज और उमरा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस साल, हम इतिहास की सबसे बड़ी हज यात्रा देखने वाले हैं। इस बार 25 लाख से ज्यादा मुसलमानों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है. सऊदी अरब के मीडिया मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि हज के लिए बुधवार तक 14.9 लाख से अधिक विदेशी हाजी मक्का आए हैं, जिनमें से 14.3 लाख हवाई मार्ग से पहुंचे हैं.बता दें कि इस बार हज यात्रा 26 जून से शुरू हो गई है, जो 1 जुलाई 2023 तक चलेगी।
क्या होती है हज यात्रा…
हज एक मुस्लिम तीर्थ यात्रा है. जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग सऊदी अरब के पाक शहर मक्का में जाकर करते हैं. दरअसल यहां पर इस्लाम धर्म के 5 स्तंभ (शहादा, नमाज, रोजा, जकात और हज) में से एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. और शारीरिक एवं आर्थिक रूप से समर्थ मुस्लिमों से जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा पर जाने के लिए कहा जाता है. और जो हज यात्रा करता है वह अल्लाह के बहुत करीब हो जाता है. हज यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं. जिन्हें एहराम कहा जाता है. एहराम पहनकर ही काबा की परिक्रमा लगाई जाती है.यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है
सालों तक यात्रा के लिए होती है बचत…
हज यात्रा कठिन और मंहगी तीर्थयात्रा में एक मानी जाती है. इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करानी पड़ती है. कई लोग तो इस यात्रा को करने के लिए सालों तक बचत करते हैं. मान्यता है कि हज यात्रा करने वालों को पापों से मुक्ति मिलती है. कहा तो यह भी जाता है कि, जो हज यात्रा करता है वह अल्लाह के करीब हो जाता है. इस्लाम के पांच स्तंभों में हज भी एक है.यहां पर लोग युद्ध और गरीबी के अलावा व्यवसायिकों देशों से भी लोग पहुंचते हैं. कई लोग तक इस यात्रा के लिए बरसों तक बचत तक करते हैं. कहा जाता है कि यहां पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था।
चिलचिलाती गर्मी हज के लिए बड़ी चुनौती…
इस साल का हज एक चुनौती है. इस बार तापमान करीब 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. तीर्थयात्रा की तारीख चंद्र कैलेंडर पर निर्भर है. सऊदी अधिकारियों ने कहा कि 32,000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी और हजारों एंबुलेंस हीटस्ट्रोक, डि-हाईड्रेशन और थकावट जैसे मामलों के इलाज के लिए तैयार हैं. इस्लामिक नियमों के मुताबिक हर सक्षम मुस्लिम वयस्क को यह तीर्थयात्रा करना अनिवार्य है।
यात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम…
हज यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच सबसे बड़ी चुनौती गर्मी है, क्योंकि यहां का तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में सऊदी अधिकारियों ने बताया कि 32000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी और हजारों एंबुलेंस तीर्थ यात्रियों के लिए तैनात की गई है। साथ ही इन यात्रियों को हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकावट से बचने के लिए जरूरी चीजें भी मुहैया कराई जा रही हैं।
कोरोना को भूल हज के लिए उमड़े लोग…
साल 2020 में लागू कोरोनो वायरस महामारी प्रतिबंधों में अब जाकर पूरी ढील दी गई है. कोरोना महामारी के समय साल 2020 में सिर्फ 10,000 लोगों को भाग लेने की अनुमति दी गई थी. जबकि 2021 में 59,000 और पिछले साल दस लाख लोगों की सीमा थी. मिस्र के 65 साल के अब्दले अजीम कहते हैं, ‘ मैं अपने जीवन के सबसे खूबसूरत दिन जी रहा हूं.’ उन्होंने यहां आने के लिए जरूरी 6000 डॉलर का पेमेंट किया है. 20 साल तक बचत करने के बाद वह यहां पर पहुंचे हैं. स्थानीय समयानुसार रविवार शाम से तीर्थयात्रियों ने मक्का की अल-मस्जिद अल-हरम या ग्रैंड मस्जिद से करीब आठ किमी दूर मीना की ओर जाना शुरू कर दिया. इससे पहले वे माउंट अराफात पर इकट्ठा हुए. यहां माना जाता है
हज यात्रा पर जाने के नियम…
हज इस्लामी तीर्थयात्रा है जो कि हर साल मक्का में होती है और हर मुसलमान इसें हज यात्रा पर जाना चाहता है. लेकिन हज यात्रा के कुछ नियम होते हैं और जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है केवल वही हज यात्रा पर जा सकता है.
- हज यात्रा पर जाने के लिए सबसे पहली शर्त व नियम यह है कि व्यक्ति का मुस्लिम होना जरूरी है।
- हज यात्रा के लिए व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से स्वस्थ्य व सक्षम होना बेहद जरूरी है.
- हज यात्रा में सभी हाजी यानि हज यात्रियों को एहराम पहनना होता है. जो कि सफेद रंग का ऐसा कपड़ा होता है
- हज यात्रा मक्का शहर से शुरू होती है और वहां पहुंचकर व्यक्ति को सबसे पहले उमरा करना होता है. उमरा की प्रक्रिया के बाद ही हज यात्रा पर जाते हैं।
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