मां-पत्नी और जाधव के बीच शीशे की दीवार, पाक बोला आखिरी मुलाकात नहीं
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की क्रिसमस के मौके पर अपनी मां और पत्नी से मुलाकात हुई। हालांकि इस दौरान जाधव और उनकी मां-पत्नी के बीच कांच की दीवार थी। वे एक दूसरे को देख तो सकते थे लेकिन न उनकी मां छूकर उन्हें आशीर्वाद दे सकीं और जाधव की पत्नी उनके गले लग पाईं। पाकिस्तान के विदेश ऑफिस में वन वे माइक के जरिए जाधव की उनकी पत्नी और मां से बातचीत हो पाई।
कांच की दीवार को लेकर पाकिस्तान की हो रही निंदा
जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात एक शीशे की दीवार के जरिए हुए। उन्होंने माइक के जरिए बात की लेकिन सही मायनों में उन्हें एक दूसरे से मिलने नहीं दिया गया। कांच की दीवार को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निंदा हो रही है। पाकिस्तान ने इस संबंध में सफाई दी है कि ऐसा सुरक्षागत कारणों से किया गया। जाधव के दोस्तों ने यह भी शक जाहिर किया है कि हो सकता है उनकी मां और पत्नी को जाधव की फिल्म दिखाई गई हो और वह वहां मौजूद ही न हों।
जाधव की दोस्त वंदना पवार ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि कुलभूषण की मां को उनकी फिल्म दिखाई गई है। पता नहीं शीशे की दूसरी तरफ वो थे भी या नहीं। और जो तस्वीर दिखाई दे रही है उसमें उनका चेहरा सूजा हुआ दिख रहा है। 47 साल के हैं कुलभूषण लेकिन फोटो में 70 साल के बूढ़े लग रहे हैं। इतनी दूर से बुलाया पाकिस्तान ने और ग्लास के पीछे एक बूढ़ा आदमी दिखा दिया।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस मुलाकात के बाद प्रेस ब्रीफिंग भी ली। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात पूरी तरह से मानवीय आधार पर करवाई गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जाधव से उनके परिवार की यह आखिरी मुलाकात नहीं है।
भारत सरकार की ओर से जाधव के परिवार को उनसे मिलने की बार-बार की जा रही मांग के बाद पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार मानवीय आधार पर उनके परिवार को जाधव से मिलने की मंजूरी दी थी। जाधव की मां अवंती और पत्नी सोमवार को ही पाकिस्तान पहुंची और जाधव से मिलने के लिए सीधे विदेश मंत्रालय के दफ्तर गईं। भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह की मौजूदगी में 1 बजकर 48 मिनट पर यह शुरू हुई। पाकिस्तान ने मुलाकात के लिए 30 मिनट का वक्त निर्धारित किया था जिसे जाधव की गुज़ारिश पर 10 मिनट के लिए बढ़ाया गया।
यह राजनयिक मदद नहीं: पाकिस्तान
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि यह राजनयिक मदद नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास काउंसलर एक्सेस की रिक्वेस्ट है. लेकिन अभी जांच जारी है इसलिए जाधव को काउंसलर एक्सेस अभी तक नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने भारतीय हाई कमिश्नर को बता दिया था कि वह मुलाकात के दौरान वहां मौजूद रहेंगे, जाधव की उनकी पत्नी और मां से मुलाकात को देख सकेंगे लेकिन वह जाधव से मिल नहीं सकेंगे और ऐसा ही हुआ।”
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इससे पहले विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस मुलाकात से पहले जाधव की मां अवंति और उनकी पत्नी की तस्वीर ट्वीट की। उन्होंने कहा था कि ‘दोनों पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में आराम से बैठी हैं। हमने अपनी प्रतिबद्धता निभाई है।’ पहले के एक अन्य ट्वीट में फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की पुण्यतिथि के अवसर पर मानवीय आधार पर यह इजाजत दी गई है।
पूर्व नौसेना अधिकारी से व्यापारी बने जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें आतंकवाद व जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इस सजा पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने रोक लगाई हुई है। भारत का कहना है कि जाधव बेगुनाह हैं और उन्हें ईरान से अपहरण किया गया है। जाधव नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापार के लिए ईरान गए थे। मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने बीते हफ्ते कहा कि उन्हें तत्काल फांसी का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि उनकी दया याचिका अभी लंबित है।
साभार- न्यूज18