कृष्ण जन्माष्टमी आज, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त…

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देश भर में आज जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है, हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व माना गया है, यह उत्सव श्रीकृष्ण को समर्पित है. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और मध्य रात्रि बुधवार को हुआ था. यह भी कहा जाता है कि, जन्माष्टमी का व्रत रखने से व्यक्ति को अनंत पुण्य मिलता है. इस साल जन्मोत्सव बृज में दो दिनों तक मनाया जाने वाला है, क्योंकि, इस साल हम कान्हा का 5251वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऐसे में आइए जानते है जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि..

पूजन का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अमृत चौघड़िया सुबह 5 बजे 55 मिनट से 7 बजे 36 मिनट तक रहेगा, जो पूजा करने का उत्तम समय है. इसके बाद अमृत चौघड़िया पूजन का समय 3 बजे 36 मिनट से 6 बजे 48 मिनट तक है. रात में 12 बजे 1 मिनट से 11 बजे 44 मिनट तक निशीथ काल में भी पूजा कर सकते हैं.

शुभ योग

जन्माष्टमी इस वर्ष बहुत शुभ होने वाला है, दरअसल, इस बार जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा, जो माना जाता है कि कृष्ण भगवान का जन्म भी इसी राशि में हुआ था. इसके अलावा भगवान कृष्ण का नामकरण सोमवार को हुआ था, क्योंकि इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को पड़ रही है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग होगा.

ऐसे बनाएं प्रसाद

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत अवश्य पिलाना चाहिए, जिसमें तुलसीदल और मेवा, माखन और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. धनिए की पंजीरी भी कहीं-कहीं अर्पित की जाती है, इस दिन बहुत सारा सात्विक भोजन बनाना चाहिए.

पूजन सामग्री

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के लिए कुछ विशिष्ट चीजें चाहिए। उसमें पहले से बाल गोपाल का झूला, छोटी बांसुरी, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, कलश, हल्दी, पान, सुपारी, गंगाजल, सिंहासन, इत्र, सिक्के, सफेद और लाल कपड़ा, कुमकुम, नारियल, मौली, लौंग, दीपक, सरसों का तेल या घी, अगरबत्ती, धूप, फल, फूल और मोरपंख का पहले से ही प्रबंध कर लें.

पूजन विधि

जन्माष्टमी के दिन स्नान करने के बाद व्रत रखें और साफ कपड़े पहन लें. तब भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान करके साफ रेशमी कपड़े पहनाएं. इस दौरान बाल गोपाल को झूला झुलाकर आरती करें और श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाएं. यदि आप चाहें तो, खीर और पंजीरी का भी भोग लगा सकते है, इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा और आरती करें.

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जन्माष्टमी पर ये न करें

– जन्माष्टमी के दिन घर के द्वार से किसी को खाली हाथ न जाने दें, अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें.
– तामसिक भोजन बिल्कुल न खाएं, सात्विक भोजन करें.
– भूलवश भी शराब या मांसाहार नहीं खाना चाहिए.
– कभी भी किसी पशु या पक्षी को चोट नहीं पहुंचाएं.

इन दिव्य मंत्रों का करें जाप

– कृं कृष्णाय नमः
– ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
– ओम क्लीम कृष्णाय नमः
– गोकुल नाथाय नमः
– ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:

 

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