जापान ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर विरोध जताया

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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने शनिवार को कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किया जाना उनके देश के सामने मौजूद गंभीर और वास्तविक सुरक्षा खतरे को बताता है। मीडिया के मुताबिक, आबे ने यह भी कहा कि उनका देश उत्तर कोरिया के आगे के संभावित भड़काऊ कदमों के बारे में सतर्क रहेगा और जापान के पास अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ उस पर (उत्तर कोरिया पर) दबाव बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

आबे ने मिसाइल लांच के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यह टिप्पणी की।

जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता योशीहीदे सुगा ने कहा कि मिसाइल परीक्षण के प्रति उनके देश की प्रतिक्रिया शुक्रवार को जापानी रक्षा मंत्री टोमोमी इनाडा के इस्तीफे से प्रभावित नहीं होगी और इस मुद्दे पर देश (जापान) अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।

सुगा ने कहा कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण से किसी भी जहाज या विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने मिसाइल परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया।

इससे पहले पेंटागन के प्रवक्ता जेफ डेविस ने मीडिया को बताया कि उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिटिक मिसाइल परीक्षण का पता चला है।

दक्षिण कोरियाई मीडिया ने भी मिसाइल परीक्षण की खबर दी। शनिवार तड़के दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे इन ने आपातकालीन सुरक्षा बैठक की।

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दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ (जेसीएस) के मुताबिक, उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल पूर्व सागर में गिरी।

मीडिया ने जेसीएस के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया के जेगांग प्रांत से मिसाइल का परीक्षण हुआ, जो पूर्व सागर में गिरा।

उत्तर कोरिया ने चार जुलाई को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ‘ह्वासोंग-14’ के सफल परीक्षण की घोषणा की थी।

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