Kolkata Rape Case: 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल पर गए डॉक्टर…
सभी अस्पतालों ठप रहेगी ऑपरेशन और OPD सेवाएं
Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप हत्या कांड के आठ दिन गुजर चुके हैं. इस दौरान जहां एक पक्ष आरोपी को सजा देने की मांग कर रहा है, वहीं कोलकाता पुलिस अपने विभाग की गर्दन को बचाने का पूरा प्रयास कर रही है. इस बचाव अभियान में सिर्फ पुलिस ही शामिल है या कोई राजनीति पार्टी ये कहना तो, मुश्किल है. हालांकि, यह मामला अब सीबीआई के हाथ में है लेकिन फिलहाल इस तरह की कोई भी कार्रवाई इस मामले में नजर नहीं आ रही है, जो डॉक्टर और आमजन को संतुष्ट कर सके. ऐसे में इस केस में न्याय और अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स आज 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते देशभर के सरकारी व निजी अस्पतालों में सभी जरूरी ऑपरेशन और OPD सेवाएं बाधित रहने वाली हैं.
शनिवार और रविवार को जारी रहेगी देशव्यापी हड़ताल
रेजिडेंट डॉक्टर्स की देशव्यापी हड़ताल शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी. इस दौरान नियमित सर्जरी और ओपीडी को अस्पतालों में बंद करने की अपील की गई है. वही कारपोरेट अस्पतालों और छोटे निजी अस्पतालों में भी डॉक्टरों भी हड़ताल पर रहेंगे. इसके अलावा IMA ने केंद्र सरकार से अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने और एयरपोर्ट की तरह सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने शुक्रवार को आइएमए मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता में कहा कि, पीडि़ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि वारदात में कई लोग शामिल हैं. 36 घंटे तक काम करने के बावजूद अस्पताल में कोई विश्राम कक्ष नहीं था.
”अस्पताल को घोषित किया जाए सुरक्षित जोन”
इसके आगे आरवी अशोकन ने कहा है कि, ”पिछले मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर एसोसिएशन ने अस्पतालों को सुरक्षित जोन घोषित करने की मांग की है, जहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मचारी तैनात होने चाहिए और सुरक्षा जांच के प्रोटोकाल का पालन होना चाहिए. अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के काम का समय निर्धारित होना चाहिए. इसके अलावा डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग भी रखी गई है, लेकिन मंत्रालय से इसको लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विचार करने का प्रस्ताव दिया है, यह कानून डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए बनाया जाना चाहिए. IMA की एक्शन कमेटी के अध्यक्ष डा. विनय अग्रवाल ने कहा कि, डाक्टर कभी हड़ताल करना नहीं चाहते, लेकिन महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म और डॉक्टरों के साथ हिंसा की घटनाएं होंगी, तो हम चुप नहीं रहेंगे.
मेडिकल सुविधा बंद होने पर मरीज होंगे प्रभावित
देश के कई राज्यों जैसे बंगाल, बिहार, झारखंड और दिल्ली में चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही है. पंजाब के सरकारी अस्पतालों में भी ओपीडी बंद रहेगी. इस दौरान डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर कोई काम नहीं करेगे. ऋषिकेश एम्स में रेजिडेंट डाक्टर पिछले चार दिन से उत्तराखंड में हड़ताल पर हैं, दून मेडिकल कालेज में भी पीजी चिकित्सकों ने शुक्रवार को काम नहीं किया था. वही आंदोलन को फार्मेसिस्ट संघ ने भी समर्थन दिया है. हिमाचल प्रदेश में मेडिकल कालेजों में तीन दिन से चल रही हड़ताल से मरीज मुसीबत में हैं. गुरुवार दोपहर को बिहार में पटना के एनएमसीएच, दरभंगा के डीएमसीएच और मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच की इमरजेंसी सेवाओं को बंद कर दिया गया था.
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पटना एम्स में ओपीडी और जांच सुविधाएं बंद रहीं
पूर्णिया और भागलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सा प्रणाली प्रभावित हुई है. पटना के शेखपुरा स्थित IGIMS में उपचार बंद होने से मरीजों का गुस्सा फूट पड़ा और लगभग एक घंटे के लिए नेहरु पथ (बेली रोड) जाम कर दिया. AIMS पटना में ओपीडी और जांच सुविधाएं बंद रहीं, लेकिन इमरजेंसी-ट्रामा सेवाएं जारी रहीं.