जाने कौन थी वह अभिनेत्री जिसने तय किया बदनाम गली से सिल्वर स्क्रीन तक का सफर…

इंडस्ट्री में कमाल मचा कर बनी कपूर खानदान की बहू

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मन में अभिनेत्री बनने की चाहत, आंखों में बेबसी के आंसू और कोठे की बदनाम जिंदगी वाली एक ऐसी औरत की कोख से जन्मी थी 70 के दशक की एक खूबसूरत अदाकारा. उस औरत को सिनेमा जगत ने नकार दिया था, लेकिन उसकी खूबसूरत बेटी ने न सिर्फ सिने जगत में आकर अपनी मां का सपना पूरा किया, बल्कि अपने अभिनय से अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए और बन गयी उस समय की एक सफल अभिनेत्री. लेकिन क्या आप जानते है मात्र 22 साल की उम्र में सफलता की ऊंचाई छूने वाली इस अभिनेत्री सिने जगत को अलविदा कह दिया और बन गयी एक प्रतिष्ठित घराने की बहू.

आज हम एक ऐसी ही अभिनेत्री की जिंदगी के अतीत के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, यह अतीत बॉलीवुड की मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री नीतू सिंह का है, बेशक एक समय पर नीतू सिंह ने सिने जगत पर राज किया है लेकिन वो जिस बदनाम गली से निकलकर यहां तक पहुंची यह वाकई उनकी और उनकी मां की संघर्ष की दस्तान कहती है तो, आइए जानते है नीतू सिंह ने कैसे तय किया बदनाम गली से सिल्वर स्क्रीन तक का यह सफर…

एक तवायफ की बेटी है नीतू सिंह

अभिनेत्री नीतू सिंह एक तवायफ की बेटी थी, जिनका नाम राजी सिंह था. 14 साल की उम्र में उनकी मां को बदनाम गली में बदनामी भरी जिंदगी में ढकेल दिया गया था, लेकिन आंखो में अभिनेत्री बनने के ख्वाब संजोए 22 साल की उम्र मे कोठे से दिल्ली के लिए भाग निकली और यहां पहुंच उन्होने एक मिल में काम करना शुरू कर दिया. मिल में काम करने के दौरान उनकी मुलाकात दर्शन नाम के एक लड़के से हुई. जिसके बाद उन्होने दर्शन से शादी कर ली और इस शादी से राजी को एक बेटी हुई जिसका नाम उन्होने हरनीत सिंह रखा था. जो आगे चलकर मशहूर अभिनेत्री नीतू सिंह के नाम से मशहूर हुई.

कैसे बनी तवायफ की लड़की बॉलीवुड स्टार ?

हरनीत के जन्म के बाद राजी अपने परिवार के साथ मुंबई आ गयी, शुरू से ही हिरोइन बनने का सपना देखने वाली राजी अब यह सपना अपनी बेटी हरनीत के लिए देखने लगी थी और फिर मुंबई पहुंच राजी अपनी बेटी को हिरोइन बनाने की जद्दोजहद में लग गयी. उनकी कोशिश रंग लाई हरनीत को राजश्री प्रोडेक्शन की फिल्म सूरत में एक बाल कलाकार के तौर पर काम मिला. उस समय हरनीत की उम्र महज 8 साल की थी.

बाल कलाकार से बनी बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा

इसके बाद युवा होने पर भी हरनीत को काम मिलता रहा, इसके साथ ही रणधीर कपूर के साथ एक फिल्म से उनका नाम बदलकर नीतू कर दिया गया. यही से उनका नाम नीतू सिंह पड़ गया. हालांकि, नीतू की पहली फिल्म रिक्शावाला फ्लॉप हो गयी थी. लेकिन उनकी मां यह बिल्कुल नहीं चाहती थी, इसके लिए उन्होने नीतू सिंह की इमेज बदलने के लिए बोल्ड फोटोशूट करवाया. इसके बाद यह फोटो जब मशहूर मैगजीन में छपी तो नीतू को एक के बाद एक काम मिलना शुरू हो गया. लेकिन अभिनेत्री सिर्फ वही फिल्म करती थी, जिसे करने को उनकी मां कहती थी. इसके बाद साल 1973 में नीतू सिंह की फिल्म यादों की बारात सुपरहिट हुई. इसके बाद नीतू सिंह ने अपने कॅरियर में फिर कभी मुड़कर नहीं देखी.

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तवायफ की बेटी कैसे बनी बॉलीवुड के प्रतिष्ठित परिवार की बहू ?

फिल्मों में काम करने के दौरान उनकी मुलाकात ऋषि कपूर से हुई और दोनों की दोस्ती हो गयी. इसके बाद दोस्ती का सिलसिला धीमे धीमे प्यार में बदल गया और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया. हालांकि, नीतू की मां को इस रिश्ते से ऐतराज था. बताते हैं जब नीतू की मां को इसके बारे में मालूम पड़ा तो उन्होंने नीतू को काफी मारा भी था, क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि, नीतू सिंह शादी के बंधन में बंधकर अपना फिल्मी कॅरियर बर्बाद कर दे.

लेकिन जब ऋषि कपूर उनके घर नीतू का हाथ मांगने गए तो वो इनकार नहीं कर पायी और साल 1980 में उन्होने धूमधाम से ऋषि कपूर से शादी कर दी. आपको बता दें कि नीतू सिंह ने ऋषि कपुर से शादी करने के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया, जिससे उनके प्रशंसकों को बहुत दुःख हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी.

 

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