जानें कब है शरद पूर्णिमा ?
हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी महत्वपूर्ण माना गया है, यह हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है. कहते है कि, यदि सच्चे मन से शरद पूर्णिमा के अवसर पर भगवान की पूजा कर कोई प्रार्थना की जाए तो, भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है. वही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व भी बताया गया है, इसके अलावा मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का भी खास महत्व होता है. ऐसे में आइए जानते है कि, इस साल शरद पूर्णिमा कब मनाई जा रही है, पूजन विधि क्या होगी और इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए ?
शरद पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त
आश्विन पूर्णिमा इस बार 16 अक्तूबर 2024 को रात 8 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और 17 अक्तूबर 2024 को शाम 4 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए, उदया तिथि की मानें तो, 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन चांद की रोशनी में खीर खाने का खास महत्व है. कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी रोग दूर हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.
शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के अंत के बाद शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू पंचाग में इस दिन को सबसे फलदायक और सबसे शुभ दिन माना जाता है. भक्तों को इस दिन की पूजा का शुभ फल मिलता है, कहा जाता है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं में विद्दमान रहता है और उसकी किरणों से अमृत बरसता है.
शरद पूर्णिमा पर किन चीजों का दान है वर्जित
दान के लिए शरद पूर्णिमा का दिन काफी खास माना गया है, कहते है कुछ चीजों का दान करना काफी शुभ होता है, वही शरद पूर्णिमा पर कुछ चीजों का दान करना काफी गलत माना जाता है. कहते है इस दिन नमक का दान नहीं करना चाहिए, हिन्दू धर्म में नमक नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. ऐसे में आज नमक दान करने से आपको कठिनाई हो सकती है. इस दिन दही भी नहीं दान में नहीं दी जाती है.माना जाता है कि इस दिन दही देना अशुभ है, इससे जीवन में परेशानियां और दुःख बढ़ जाते हैं.
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क्या करना चाहिए दान ?
शरद पूर्णिमा एक बहुत शुभ दिन है और इस दिन दान करना वर्जित है. इस दिन खीर बहुत महत्वपूर्ण है, इस दिन आपको खुद खीर खाना चाहिए और दूसरों को भी खिलाना भी चाहिए. इस दिन आप चावल और गुढ़ भी दान कर सकते है, जो की काफी शुभ माना गया है.