जानें श्रीलंका की तीसरी पीएम हरिनी अमरसूर्या का भारत से क्या है कनेक्शन ?

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श्रीलंका में राजनीतिक बदलाव तेजी से बदलाव हो रहा है. इसके साथ ही हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. वहीं यह बात यही खत्म नहीं होती है बल्कि इसकी शुरूआत यहीं से होती है क्योंकि, हरिनी श्रीलंका की तीसरी महिला की पीएम के तौर पर काबिज होने वाली हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि वह बेशक श्रीलंका की पीएम पद पर काबिज हो रही हैं लेकिन उनकी पढ़ाई भारत में हुई है. ऐसे में आज हम आपको हरिनी अमरसूर्या के भारत कनेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं…

हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं. वे दो महीने पहले श्रीलंका की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री रही थीं. बीती 14 नवंबर को श्रीलंका में संसदीय चुनाव हुए थे इसमें राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का गठबंधन NPP विजयी हुआ था. वहीं सोमवार को नवीनतम कैबिनेट का गठन किया गया है. राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कैबिनेट के सदस्यों को राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई. इस कैबिनेट में राष्ट्रपति समेत 2 महिलाओं और 2 तमिल सांसदों को भी शामिल किया गया है. डिप्टी मिनिस्टर के नाम के बाद में घोषित किए जाएंगे. श्रीलंका के संविधान के अनुसार कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 30 और उप मंत्रियों की संख्या 40 से ज्यादा नहीं हो सकती है. सरकारी खर्चों को कम करने के लिए दिसानायके ने कैबिनेट को छोटा रखा है.

कौन है हरिनी अमरसूर्या ?

हरिनी श्रीलंका के 16 वें पीएम के तौर पर आज शपथ लेने वाली हैं. ऐसे में आपको बता दें कि उनका जन्म 6 मार्च 1970 को श्रीलंका के गाले में हुआ था. उनके पिता चाय के बगान के मालिक थे. श्रीलंका में भूमि सुधार कानून 1972 में शुरू हुआ था, जिस दौरान सरकार ने अमरसूर्या के पिता का चाय बागान उनके छिन लिया. इसके बाद में वे गाले से कोलंबो चले गए और वहीं बस गए.

हरिनी अमरसूर्या का भारत से क्या है कनेक्शन ?

वही अगर बात करें श्रीलंका की तीसरी पीएम हरिनी अमरसूर्या के भारत कनेक्शन की तो, श्रीलंका में साल 1988-89 के बीच में तमिल आंदोलन छिड़ गया था, जिसकी वजह से वहां के हालात काफी हिंसक हो गए थे. ऐसे में वहां के स्कूल, कॉलेज और बाकी कई चीजों को बंद कर दिया गया था. ऐसे में अपनी पढाई जारी रखने के लिए हरिनी भारत सरकार की छात्रवृत्ति प्राप्त करके दिल्ली यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र में एडमिशन लिया. वहीं इस दौरान इम्तियाज अली और पत्रकार अर्नब गोस्वामी उनके क्लासमेंट हुआ करते थे.

भारत से लौटने के बाद उन्होंने सुनामी प्रभावित बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया. इसके लिए वे श्रीलंका के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में काम किया. इसके साथ पांच साल बाद उन्होंने मैक्वेरी विश्वविद्यालय से एप्लाइड एंड डेवलपमेंट एंथ्रोपोलॉजी में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की. इसके कुछ सालों बाद में वह पीएचडी की पढाई कंप्लीट करके ऑस्ट्रेलिया चली गई और वहां से लौटने के बाद साल 2011 में एक ओपन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर पद पर काबिज हो गईं.

हरिनी अमरसूर्या का कैसा रहा राजनीतिक सफर …

इसके सात ही साल 2015 में हरिनी ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया और इसी दौरान उनका दिसानायके के संपर्क में आई थीं. जिसके बाद वे साल 2019 में जनता विमुक्ति पेरामुना में शामिल हुईं और साल 2020 में वह संसदीय चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनी थीं.

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श्रीलंका की बाकी दो महिला पीएम कौन हैं ?

श्रीलंका में तीन महिला प्रधानमंत्री रही हैं, जिन्होंने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इनमें सबसे पहली महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके थीं, जिन्होंने 1960 में सत्ता संभाली थी. वह दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और उनके नेतृत्व में श्रीलंका ने कई आर्थिक और सामाजिक सुधार किए थे. वहीं भंडारनायके का कार्यकाल श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने एक गैर-पारंपरिक राजनीति में महिलाओं की स्थिति को सशक्त किया.

वहीं श्रीलंका की दूसरी महिला प्रधानमंत्री चंद्रिका कुमारतुंगे थीं, जो 1994 से 2005 तक प्रधानमंत्री पद पर आसीन रही थीं. उनके समय में श्रीलंका में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने और 1980-90 के दशक के गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए गए. उनका कार्यकाल सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए जाना जाता है.

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