जानें क्या होता है घोस्टिंग बिहेवियर ? जो आपके संबंध को कर सकता है बर्बाद…
आज के दौर में जहां पर प्यार रिलेशनशिप में तब्दील हो चुका है, वहां पर रिलेशन में आने के लिए लोग कई सारी शर्ते रखते हैं. ऐसे में कई सारे लोगों को ऐसे पार्टनर की तलाश होती है जो मानसिक और फाइनेंशियली ही नहीं बल्कि इमोशनली भी काफी स्ट्रांग हो. साथ ही जो उनके मु्श्किल हालतों में इमोशनली भी सपोर्ट कर सकें. वहीं रिलेशनशिप की व्याख्या को लेकर कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें टॉक्सिक, रेड फ्लैग और इमोशनल अब्यूज तथा संबंध जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है. इन्हीं में एक है घोस्टिंग नेचर (भूतिया व्यवहार). यह काफी अटपटा सा शब्द है लेकिन इन दिनों कई सारे रिलेशनशिप इसकी चपेट में आ रहे हैं.
ऐसे में हमारे रिश्तों के बीच कई सारी ऐसी कंडीशन होती है जो घोस्टिंग नेचर का संकेत देती है, इनको अनदेखा करना हमारे रिश्ते के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि, ये लक्षण क्या होते हैं और अगर आपका रिश्ता घोस्टिंग बिहेवियर से गुजर रहा है तो क्या करें ?
घोस्टिंग बिहेवियर क्या होता है ?
रिलेशनशिप में कोई पार्टनर अजीब व्यवहार करने लगे, बात करने से बचने लगे, कम समय देने लगे या इमोशन्स की कमी महसूस होने लगे, तो समझ जाइए वह घोस्टिंग नेचर की चपेट में है. दरअसल, ये एक प्रकार की टॉक्सिसिटी है जो बुरे मानसिक स्वास्थ्य के कारण हो सकती है. यदि आपका पार्टनर भावनाओं की कमी के साथ किसी परिस्थिति में आप पर हावी होने लगे तो यह घोस्टिंग नेचर का संकेत है. इसके लिए सबसे पहले पार्टनर की मानसिक स्वास्थ्य जांच कराना उचित है.
रिश्ते में विवाद होना आम है, लेकिन अगर पार्टनर कई दिनों तक चुप रहने की कोशिश करता है या खुद को पूरी तरह कटऑफ करता है, तो रिश्ता खराब हो सकता है. ऐसे व्यक्ति अकेले रहना पसंद करते हैं. ऐसे लोगों में अतिविश्वास भी आता है, उन्हें लगता है कि चाहे उनका प्रेमी चला जाए या उनका संबंध खत्म हो जाए, कोई फर्क नहीं पड़ता है. ऐसे लोगों से बहुत प्यार से डील करना चाहिए.
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घोस्टिंग बिहेवियर के कैसे करें बचाव ?
रिश्ते को समय दें
यदि आपका प्रेमी आपके साथ कटऑफ कर रहा है, तो सबसे पहले इसकी असली वजह जानें और उसे समय देना शुरू करें. रिश्ते में भी खटास आने लगती है अगर कोई बिजी रहे और समय न दें. इसके अलावा दोस्तों के बजाय पार्टनर के साथ समय बिताकर बाते शेयर करें. ऐसा करने से बातें स्पष्ट होती हैं और कभी-कभी गलतफहमियां दूर होती हैं.
मेंटल हेल्थ की काउंसलिंग करें
रिलेशनशिप के दौरान पार्टनर अपने व्यवहार को बदलने लगता है तो उसका काउंसलिंग करना महत्वपूर्ण है. अपनी समस्या पर किसी योग्य मनोचिकित्सक से बात करें. प्रोफेशनल ऐसे परिस्थितियों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और स्थिति का बेहतर समाधान बता सकते हैं.
साथ में यात्रा करें
ट्रैवल करना मानसिक तनाव को कम करता है. नई जगह की सुंदरता और हवा हमें कुछ समय के लिए अपनी व्यस्त और परेशान जीवनशैली से दूर ले जाती है. आप और आपका पार्टनर एक यात्रा पर जाएं, ऐसा करके आप दोनों गुणात्मक समय बिताएंगे और परेशानियों को दूर करेंगे.