जानें जॉब से लेकर वायरल वड़ा पाव गर्ल बनने तक का सफर ……
लड़की है तो पॉपुलर हो रही है….! ये तो ड्रामा गर्ल है…! ऐसे न जाने कितने कमेंट के साथ इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है दिल्ली की वड़ा पाव गर्ल चंद्रिका गेरा दीक्षित. जो फिलहाल इन दिनों किसी भी परिचय की मोहताज नहीं है, क्योंकि, उन्हें पहचान सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है तो आप उनके बारे में कुछ भी और कैसी भी सोच बना चुके होंगे. लेकिन कोई भी सफलता बिना संघर्ष के हासिल नहीं होती है तो, चंद्रिका को यह पहचान भी जिंदगी के एक लम्बे संघर्ष के बाद हासिल हुई है. ऐसे में आज हम जानेंगे नौकरी से रेहड़ी तक का सफऱ तय करने वाली वायरल वड़ा पाव गर्ल की संघर्ष और लव स्टोरी की कहानी…
मां के गुजरने के बाद नानी ने संभाला
मध्य प्रदेश से आने वाली चंद्रिका दीक्षित की मां बचपन में ही गुजर गयी थी, जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें रिश्तेदारों को सौंपकर दूसरी शादी कर ली थी. इस दौरान उनकी नानी को जब इस बात का पता चला तो, उनकी नानी चंद्रिका को हमेशा अपने साथ रखने के लिए उनके पापा से एक पेपर साइन करवाया था, जिसमें दोनों के बीच इस बात का करार किया गया था कि, चंद्रिका अपनी नानी के साथ रहेगी और उनके पिता का उनसे किसी भी तरह का कोई लेना देना नहीं होगा.
इसके बाद उनकी पढाई से लेकर हर छोटी – बड़ी चीज का ख्याल उनकी नानी रखा करती थी. चंद्रिका बताती है, आज वो जो भी है अपनी नानी की वजह से है, उनकी नानी ने उनको जिंदगी से लड़ने की हिम्मत और हौसला दिया. आज वो जो भी है उनकी बदौलत ही है. लेकिन नानी का साथ भी ज्यादा समय तक उनके साथ नहीं रह पाया और कुत्ते के काटने की वजह से उनकी नानी की मौत हो गयी. इसके साथ ही चंद्रिका की जिंदगी मुसीबतों का पहाड़ फिर आ टूटा …
नानी की मौत के बाद शुरू हुआ जिंदगी का असली सफर
फैमिली का ये किस्सा खत्म होने के साथ शुरू हुआ चंद्रिका की जिंदगी के संघर्ष का किस्सा जो उन्हें दिल्ली ले आया. एक अकेली दिल्ली में आंखों में उम्मीद लिए पहुंच तो गयी थी लेकिन यहां भी जिंदगी कहां आसान होने वाली नहीं थी. यहां पहुंचकर भी बहुत कुछ था जो चंद्रिका को फेस कराना था, इन सब से अंजान चंद्रिका ने दिल्ली पहुंच अपनी जिंदगी के दूसरे चैप्टर की शुरूआत कर दी. जहां नानी कुछ गहने बेचकर उन्होने दिल्ली में रहना शुरू किया और इधर उधर धक्के खाकर नौकरी की शुरूआत कर दी थी.लेकिन चंद्रिका कहती हैं कि, जिंदगी में सब मिलने के बाद भी अपनेपन की कमी थी, कोई ऐसा नहीं था जो उन्हें समझे और उसे वह अपना कह सके.
ऐसे शुरू हुई चंद्रिका की लव स्टोरी
चंद्रिका उस समय हल्दीराम में 12 घंटे की जॉब करती थी. इस दौरान जॉब से थक हारकर खाना बनाने में दिक्कत आने पर उन्होने टिफिन लगवाने का फैसला किया और पास से ही एक टिफिन वाली आंटी से टिफिन लगा ली. डिप्रेशन के दौर से गुजर रही चंद्रिका लोगों से मिलना जुलना कम ही पसंद करती थी, ऐसे में टिफिन वाली आंटी के बेटे यश गेरा उनके यहां टिफिन देने आया करते थे.
यश को चंद्रिका के साथ कुछ प्रॉब्लम का एहसास हुआ तो, उन्होने चंद्रिका से बात करने का प्रयास किया. उन्हें चंद्रिका के बारे में मालूम पड़ा आखिर वह ऐसे क्यों है . फिर क्या था यश चंद्रिका को डिप्रेशन से निकालने की जद्दोजहद में लग गए, इसके साथ ही उनकी दोस्ती परवान चढने लगी और अंत मे उन्होने शादी करने का फैसला कर लिया.
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जॉब छोड़ क्यों लिया रेहड़ी लगाने का फैसला
चंद्रिका बताती है जब हम ने जॉब छोडने का फैसला लिया तो, उस समय हमारी नौकरी तो सही चल रही थी. लेकिन हम अपने बच्चे को समय नहीं दे पा रहे थे. जॉब की वजह से उनके पास इतना समय नहीं था कि, वह अपने बच्चे को मां का दूध भी दे पाती. इस वजह से उनका बच्चा काफी कमजोर तो था ही, साथ ही बीमार भी हो गया.
ऐसे में डॉक्टर ने उसने कहा था कि, बच्चे को बचाना है तो, उसको समय देना होगा. इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर रेहड़ी लगाने का फैसला किया और आज उस रेहड़ी ने न सिर्फ उन्हें परिवार का साथ दिया बल्कि दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे भारत में दिल्ली की वड़ा पाव गर्ल के तौर पर पहचान भी दिलाई. जो शायद उनकी नौकरी उन्हें कभी न दिला पाती. ऐसे वीडियो कुछ भी वायरल हो या लोग कमेंट में कुछ भी कहे….सफलता मिली है तो संघर्ष जरूर शामिल होगा.