जानिए कैसे कोरोना की वजह बढ़ रही है दिल की प्रॉब्लम ?
कोरोना के विकराल रूप ने हर एक आदमी को परेशान कर रखा है. लोग कोरोना मुक्त होने के बाद भी अपने आप को स्वस्थ नहीं महसूस कर रहे है. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता कि आखिर कोरोना के बाद भी क्या लोग दुसरे बीमारी के शिकार हो सकते है क्या? कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए इस बीमारी से लड़ाई का अंत बीमारी के दौरान और रिकवरी के बाद भी शायद नहीं हो रहा है. बीमारी के बाद के कुछ प्रभाव हैं, जो लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
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स्टडी में साफ़ आई कोरोना कि तस्वीर
एक नए शोध में पता चला है कि कोरोना के विकराल रूप का शिकार आपके शरीर के कई अंग है. ऑक्सफोर्ड जर्नल की एक हालिया स्टडी में भी बताया गया है कि गंभीर COVID-19 के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले करीब 50% लोगों में रिकवरी के महीने भर बाद हार्ट डैमेज की खबरें आ रही है.
कोरोना से हार्ट अटैक का खतरा
स्टडी बताती है कि कोविड-19 दिल पर 2 तरीके से असर डाल सकता है. संक्रमण के कारण दिल में खून के थक्के(ब्लड क्लॉट्स) बन सकते हैं और कई मामलों में ये दिल में सूजन भी पैदा कर सकता है. दिल की कोरोनरी आरट्री(coronary artery) में थक्के बनने से हार्ट अटैक आ सकता है. वायरस सीधे रिसेप्टर कोशिकाओं पर आक्रमण कर सकता है, जिसे ACE2 रिसेप्टर्स के रूप में जाना जाता है. इसे हम मायोकार्डाइटिस(Myocarditis) के नाम से जानते हैं. इस स्थिति में दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है जिससे ब्लड पंप करने की क्षमता कमजोर होती है और एनलार्जमेंट हो सकता है.
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किनके लिए ये हो सकता है ज्यादा खतरनाक
एक अहम् सवाल ये हो सकता है कि आखिर किसके लिए ये कोरोना हो सकता है सबसे खतरनाक. किन लोगों को कोरोना के बाद आ सकती है दिल की दिक्कतें? कोरोना के मॉडरेट और गंभीर मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क ज्यादा है, 14 दिन में रिकवर होने के बाद 6 हफ्ते तक क्लॉटिंग का रिस्क होता है.
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