जानिए वेस्ट यूपी की ऐतिहासिक नगरी ‘छोटी काशी के बारे में, सपा को कभी नहीं मिली इस सीट पर जीत
भगवान श्रीकृष्ण महाराज के भाई बलराम ने गंगा तट पर बैठकर यहां तपस्या की थी।
ऐतिहासिक नगरी और वेस्ट यूपी की ‘छोटी काशी’ अनूपशहर का इतिहास मुगलकाल से जुड़ा है। इतिहासकारों के अनुसार महाराज जहांगीर के ऊपर शिकार के दौरान शेर हमला करने वाला था कि जहांगीर की सेना के जवान अनूप सिंह ने शेर को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। इससे खुश होकर जहांगीर ने अनूप की वीरता से प्रभावित होकर बलभद्र क्षेत्र के 84 गांव अनूप को पुरस्कार में दिए थे। राजा अनूप ने बलभद्र को अपनी राजधानी बनाया और इसका नाम अनूपशहर पड़ गया।
धार्मिक महत्व:
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी अनूपशहर का अपना धार्मिक महत्व है। अनूपशहर गंगातट पर आबाद है। यहां शाम को गंगा आरती में प्रतिदिन सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। गंगा नदी के किनारे पर स्थित होने क वजह से यह शहर छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। गंगा दशहरे का मेला भी यहां प्रतिवर्ष आयोजित होता है। आदि शंकराचार्य का विशाल शास्त्रार्थ भी यहीं पर हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण महाराज के भाई बलराम ने गंगा तट पर बैठकर यहां तपस्या की थी। महाकवि सेनापति, कवि मघानन्द भी इसी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे। पांडवों के अज्ञातवास के दौरान रहने की अनेक किवदंती और प्रमाणित स्थान इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
अनूपशहर विधानसभा संख्या 67:
अनूपशहर विधानसभा में अबतक 2017 तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। जिनमें से 1952 से 1962 लगातार तक तीन बार कांग्रेस, 1967 में जनसंघ, 1969 में कांग्रेस, 1974 में बीकेडी, 1977 में जनता पार्टी, 1980 व 1985 में कांग्रेस, 1989 में जनता दल, 1991 व 1993 में भाजपा, 1996 में कांग्रेस, 2002 में निर्दलीय, 2007 व 2012 में बसपा, तो 2017 में भाजपा ने इस विधानसभा सीट पर विजय हासिल की थी।
मतदाताओं की संख्या:
इस क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो दलित और मुस्लिम वोटरों की संख्या 40 प्रतिशत, लोध राजपूत लगभग 24 प्रतिशत हैं, 30 परसेंट के आसपास ठाकुर, जाट व ब्राह्मण शेष अन्य बिरादरी के मतदाता हैं। इस सीट पर 2017 में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 61 हज़ार 247 थी जिनमें 1 लाख 95 हज़ार 273 पुरुष व 1 लाख 65 हज़ार 931 महिला मतदाता थे।
2017 का जनादेश
2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह को लगभग 60314 मतों से हराया था। समाजवादी पार्टी के हिमायत अली 48 हज़ार 610 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
यहां सपा का हर दांव हुआ फेल:
‘छोटी काशी’ के नाम से मशहूर अनूपशहर विधानसभा पर समाजवादी पार्टी कभी भी जीत का स्वाद नहीं चख पाई। इस विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के सारे चुनावी कार्ड अभी तक फेल ही रहे हैं।
वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड
अनूपशहर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक संजय शर्मा का कहना है कि विधायक निधि का पूर्ण प्रयोग किए हैं साथ ही लोगों को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ भी दिलाया है। विधायक संजय शर्मा ने बताया की अभी तक अनूपशहर विधानसभा में बस स्टेशन तक नहीं था, लोंगो को आने जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस योगी सरकार के इस कार्यकाल में हमने अनूपशहर विधानसभा के लोंगो को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए बस स्टेशन स्वीकृत कराने के साथ ही फायर स्टेशन भी स्वीकृत कराया। समाजवादी पार्टी का इस विधानसभा सीट से चुनाव ना जीतने के सवाल पर विधायक संजय शर्मा ने कहा की इस विधानसभा के लोंगो को मालूम है की सपा के पास कोई विचारधारा नहीं है। इसलिए आनेवाले विधानसभा चुनाव में भाजपा इस सीट पर आसानी से जीत हासिल कर लेगी।