केशव का तंज, कहा- मुलायम ने सपने में नहीं सोचा होगा, उनका बेटा कांग्रेस का दरबारी हो जाएगा…
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. केशव ने इस बार अखिलेश को दरबारी बताया है उन्होंने कहा कि- मुलायम सिंह यादव ने सोचा भी नहीं होगा कि उनका बेटा किसी की चाकरी करे.
बता दें कि बीतें कई दिनों से दोनों नेताओं में जुबानी जंग चल रही है. अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को ‘ कृपा पत्र ‘ उप-मुख्यमंत्री और ‘बेकाम-नाकाम’ कहा था, जिसके बाद पलटवार करते हुए केशव मौर्य ने भी अखिलेश को कांग्रेस का मोहरा कह दिया था.
अब फिर केशव ने किया कटाक्ष…
आज एक बार केशव ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि धरतीपुत्र दिवंगत नेता मुलायम सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके गुजरने के बाद उनका पुत्र अखिलेश यादव किसी का दरबारी बन जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे उनका समाज भी आहत है कि नेताजी का बेटा किसी और की चाकरी करे. इससे पहले भी केशव और अखिलेश के बीच जमकर बयानबाजी चली थी.
सीएम की तारीफ के बाद अखिलेश ने कही थी यह बात…
बता दें कि जब केशव ने एक खुले मंच से सीएम योगी की तारीफ की थी तब अखिलेश ने कहा कि कोई ‘उप’ डबल हार के ‘उपहार’ के बाद भी डबल इंजन का प्रशंसा-प्रमाणपत्र बांट रहे हैं. अगर माननीय सही काम कर रहे होते तो दो ‘उप मुख्यमंत्री’ की क्या ज़रूरत पड़ती. इसका मतलब या तो वो सही काम नहीं कर रहे हैं या फिर बाकी दो बेकाम हैं, नाकाम हैं, और उनका काम दरबारी चारण की तरह करना बस स्तुतिगान है.
उप होते हैं उपयोगी…
इतना ही नहीं अखिलेश ने आगे कहा कि- अगर उप सच में उपयोगी होते हैं, तो दिल्ली के मंडल में भी होने चाहिए थे, परंतु हैं नहीं ! इसका जवाब देंगे ‘उप’ या रहेंगे ‘चुप’? इससे पहले केशव ने अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा था, ‘सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव जी का PDA बहुत बड़ा धोखा है. झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान ख़त्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार PDA का झूठ फैला रहे हैं.
यूपी- बिहार के लाल कांग्रेस की बैशाखी….
इतना ही नहीं केशव प्रसाद ने कहा कि कभी एक समय यूपी के मुलायम और बिहार से लालू कांग्रेस को उखाड फेंकने की बात करते थे लेकिन आज उनके लाल कांग्रेस की बैशाखी बन गए हैं.पिछड़ा वर्ग की राजनीति का दम भरने वाले यह दोनों परिवार उस कथित गांधी परिवार के पिछलग्गू बने हुए हैं जिसने दशकों तक पिछड़ों का खून चूसा.