केजरीवाल की जमानत पर लगी रोक, ईडी ने ट्रॉयल कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
केजरीवाल की जमानत याचिका पर ईडी ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा
दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ट्रॉयल कोर्ट से मिली जमानते पर अब रोक लगा दी गयी है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई होने तक केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी है. दरअसल, आज एक बार ईडी ने फिर केजरीवाल की मुश्किलें बढाने का काम किया है. इसके साथ ही ईडी ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के जमानत के आदेश को चुनौती दी है. वहीं ईडी के वकील तत्काल सुनवाई के लिए जल्दी ही उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ के साथ मामले का उल्लेख करेंगे. इस पर हाईकोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की उस दलील को ठुकरा दिया है, जिसमें कहा गया था कि याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं होनी चाहिए. इस बीच जस्टिस सुधीर जैन ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित है तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा.
बीते गुरूवार को दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत दे दी थी. साथ ही केजरीवाल को एक लाख रुपये के जमानत बांड पर रिहा करने का आदेश अवकाश न्यायाधीश नियाय बिंदू ने दिया था. ईडी ने अदालत से 48 घंटे के लिए केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया. 21 मार्च को ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया क्योंकि वह 2021-22 के लिए खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति में जानबूझकर कमियां छोड़ने की साजिश में शामिल थे.
ईडी ने लगाया था ये आरोप
इसके साथ ही ईडी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि, आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा के चुनाव अभियान को शराब विक्रेताओं से रिश्वत के तौर पर मिले रूपयों को खर्च किया गया था. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के कारण केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों के लिए व्यक्तिगत और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं. केजरीवाल ने आरोपों को खारिज करते हुए ED पर जबरन वसूली का आरोप लगाया है. इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और सांसद संजय सिंह भी गिरफ्तार किए गए थे. वहीं सिसौदिया अभी भी जेल में हैं, लेकिन संजय सिंह फिलहाल जमानत पर है.
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इससे पहले चुनाव प्रचार के लिए मिली थी जमानत
मई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत की अंतरिम जमानत की अवधि 2 जून के समाप्त होने पर वह जेल लौट आए थे. उन्हें चिकित्सा की वजह से सात दिनों की अंतरिम जमानत की भी मांग की गई थी. हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने इसे 5 जून को खारिज कर दिया था. इसके बाद में योग्यता के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत याचिका को मंजूरी दी, जिसके बाद ED को उच्च न्यायालय जाना पड़ा है.